हरियाणा: हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने पुस्तक अजना का विमोचन किया। महज 17 साल की उम्र में हार्दिक कुमार (Hardik Kumar Dewan) ने सह लेखक शुभम उपाध्याय के सहयोग से लिखा है। पुस्तक का नाम: भारत को अजना की आवश्यकता क्यों है?Rewari News: धारूहेडा में RSS निकालेगा भगवा यात्रा
जानिए क्या है खास: यह पुस्तक दो दूरदर्शी मित्रों, इस पुस्तक के लेखकों की महत्वाकांक्षा पर आधारित है। लेखक चाहते हैं कि भारत अपना खुद का तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करे और अपना सर्च इंजन, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ई-कॉमर्स ऐप, ओटीटी, कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म आदि बनाए। किताब को दो भागों में बांटा गया है।
Book Name: Why India needs its AJNA?
- Author: Hardik Kumar Dewan .. Age: 17
- School: Cambridge Rewari Class: 12th Co- Author: Shubham Upadhyay
- Lunched by: Hon’ble Governor of Haryana: Sh. Bandaru Dattatreya
पहले भाग में संबंधित विषय के संबंध में बुनियादी कार्यात्मकताएं, पेशेवरों और विपक्ष शामिल हैं। यह भारत के अपने AJNA की आवश्यकता को भी समझाएगा। “अजना” का अर्थ है भगवान शिव की तीसरी आंख।
जिस तरह Google और अन्य विदेशी टेक टाइटन्स हमारे नागरिकों के डेटा को कई मौद्रिक और व्यावसायिक लाभों के लिए ला रहे हैं और उपयोग कर रहे हैं, वे निर्णायक रूप से हमारी गोपनीयता पर नज़र रख रहे हैं।India की सबसे सस्ती Electric Scooter, दमदार रेंज, कीमत महज 28 हजार
जरूरत है तीसरी आंख की: भारत को निजता के इस उल्लंघन को रोकना चाहिए और क्रांतिकारी तकनीकी विकास के लिए अपनी तीसरी आंख खोलनी चाहिए। इस पुस्तक के दूसरे भाग में सार्थक नाम के एक किशोर लड़के की काल्पनिक कहानी है, जो भारत के तकनीकी विकास में एक क्रांतिकारी मोर्चे पर था। यह बताता है कि भारत अपने टेक इकोसिस्टम को कैसे विकसित कर सकता है।
इस पुस्तक के साथ लेखक का लक्ष्य इस मुद्दे को भारतीय नागरिकों और भारत सरकार के ध्यान में लाना है। राज्यपाल ने पुस्तक के विचार की प्रशंसा की और हार्दिक को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए निर्देशित किया।
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वह भारत के अपने स्वयं के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने के पुस्तक के केंद्रीय विचार से चकित थे और उन्होंने हार्दिक से पुस्तक के विचार की उत्पत्ति के बारे में पूछा। हार्दिक ने साझा किया कि यह किताब सिर्फ एक किताब नहीं है, बल्कि भारत में तकनीकी विकास को बढ़ावा देने का उनका मिशन है।
हार्दिक का मानना है कि भारत में अपना अनूठा तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की क्षमता है और यह पुस्तक उस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम है। उन्हें उम्मीद है कि उनकी किताब, “व्हाई इंडिया नीड्स इट्स अजना?” महत्वपूर्ण बातचीत को चिंगारी देगा और भारत के लिए एक उज्जवल भविष्य बनाने की दिशा में कार्रवाई को प्रेरित करेगा।
“व्हाई इंडिया नीड्स इट्स अजना?” का ] के पिता सुनील कुमार दीवान, श्री अंशुल बंसल और पुस्तक के प्रकाशक सुमित जिंदल सहित कई प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति ने शोभा बढ़ाई।