Haryana news: उर्वरकों के ज्यादा इस्तेमाल से मिट्टी हुई ‘जहरीली’
हरियाणा: खाद के धडल्ले से उपयोग किया जा रहा है। इसी के चलते खेतो की मिट्टीजहरीली बनती जा रही जा रही है। अभी हाल में जांच की मिट्टी के तत्वो से ये खुलासा हुआ है।
यू हुआ खुलासा: रेवाड जिला कृषि अधिकारी कार्यालय स्थित लैब में अभी तक 58 हजार 954 मिट्टी के नमूने आए हैं, जिनमें से करीब 8500 नमूनों की जांच हो चुकी है। इन नमूनों में से मिट्टी के पोषक तत्व पोटाश, सल्फर, फास्फोरस, जिंक, मैंगनीज व आयरन की एक साथ जांच की जा रही है।
इसमें से मिट्टी में सबसे ज्यादा जिंक की कमी मिल रही है। अभी तक जिले में 5544 किसानों को हेल्थ कार्ड भी दिया जा चुका है कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि मिट्टी में जिंक की ज्यादा कमी होने पर पौधे की पत्तियां भूरी या बैंगनी हो जाती हैं। परिणाम स्वरूप पत्तियां नष्ट भी हो सकती हैं।Haryan Crime: NCR का ईनामी बदमाश दबोचा
भारत ने पिछले 60 सालों में यूरिया का अत्यधिक इस्तेमाल किया है जिससे कृषि उत्पादकता में कई गुणा बढ़ोतरी हुई है। 1960-61 में कुल नाइट्रोजन फर्टीलाइजर में यूरिया का अंश 10 प्रतिशत था जो 2015-16 में बढ़कर 82 प्रतिशत हो गया। फर्टीलाइजर असोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएआई) के आंकड़ों के अनुसार, भारत हर साल 148 लाख टन यूरिया की खपत करता है। मूल्यांकन के अनुसार, यूरिया के इस्तेमाल की वजह इसका सस्ता होना है।
आकडो पर एक नजर: कुल 58 हजार 954 नमूनों में 9 हजार 94 बावल से, 1873 नाहड़ से, 16 हजार 980 जाटूसाना से, 7 हजार 220 डहीना एट जाटूसाना, 10 हजार 314 खोल एट जाटूसाना से, 13 हजार 473 रेवाड़ी से मिट्टी के नमूने आए हैं। मिट्टी जांचने की मशीन में जांचा जा रहा है। यह मशीन एक साथ 7 पोषक तत्वों की जांच करती है। इसमें सबसे ज्यादा कमी जिंक की है।
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क्लोरोफिल के निर्माण में सहायक होता है जिंक
विशेषज्ञ ने बताया कि जस्ता (जिंक) पौधों में क्लोरोफिल के निर्माण में सहायक होता है, जिससे पत्तियां अच्छी रहती हैं। इसके अलावा यह तत्व पौधों में नाइट्रोजन के पाचन में भी सहायक होता है।
मिट्टी में जिंक की कमी के लक्षण व प्रभाव
– मिट्टी में जिंक की कमी से पौधे की पत्तियां पीली पड़ जाती हैं।
– यदि जिंक की ज्यादा कमी हो तो पौधे की पत्तियां भूरी हो जाती हैं।
– ज्यादा जिंक की कमी से पत्तियां नष्ट भी हो सकती हैं।
– इससे पत्तियां मुड़ने और झुलसने लगती हैं।
– इसकी वजह से क्लोरोफिल निचली पत्ती से शुरू होकर ऊपर तक जाता है।
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