रेवाडी: जिले में साइबर ठगों का नेटवर्क तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। लेकिल रेवाडी पुलिस की ओर से कुछ दिन पहले हुई एक लाख रुपए की राशि उनके खाते में वापस आ गई है।
कस्टमर केयर की बजाय साइबर पुलिस को दें सूचना:
शहर के गढ़ी बोलनी रोड स्थित एक सोसायटी निवासी महिला प्रमिला ने बताया कि वह कैंसर की पेशेंट है। उनके पास कुछ समय पहले फोन आया जिसमें शातिर ठग ने खुद को पतंजलि योगपीठ का कर्मचारी बताते हुए कहा कि उनकी तरफ से दी जाने वाली कैंसर में भी कारगर है। इसके बाद पीड़िता ने शातिर की बातों पर विश्वास करके उसके खाते 60 हजार रुपए भेज दिया।
इसके बाद शातिर जब और पैसों की डिमांड करने लगा तो उनको कुछ शक हुआ तो उन्होंने तहकीकात की तो पता चला कि यह किसी ठग का नंबर है। इसके बाद उन्होंने बिना किसी देरी के तुरंत इसकी सूचना साइबर पुलिस को दे दी। दूसरे मामले में भी गांव बास बटौड़ी निवासी कर्मबीर के साथ हुई ठगी में पैसे वापस मिले हैं।
कर्मबीर के पास एक परिचित के नाम से फोन करके शातिर ने दो क्यूआर कोड भेजकर 40 हजार रुपए ट्रांसफर कर लिया। पैसे कटने पर पीड़ित ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। इससे पुलिस ने जिस खाते में राशि ट्रांसफर हुई थी उसे ही होल्ड करा दिया।
साइबर थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर ऋषिकांत ने बताया कि फरवरी में खुले साइबर थाना द्वारा अभी तक ठगी के मामलों में 26 लाख रुपए वापस कराए गए हैं। लोग इस बात को लेकर गांठ बांध लें कि क्यूआर कोड का उपयोग केवल पैसा भेजा जा सकता है। इससे पैसा कभी नहीं मंगाया जा सकता है, इसलिए आए हुए क्यूआर कोड को स्कैन नहीं करें। वहीं इन मामलों में जिन खातों में पैसा गया है वह ऑनलाइन खुले अकाउंट है। इनमें आईडी भी फर्जी मिली है।