Haryana News: हरियाणा की अनाज मंडियों में इस समय किसानों के चेहरों पर मायूसी साफ झलक रही है। जींद की नई अनाज मंडी में धान, कपास और बाजरे के दामों में गिरावट ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। खासकर बासमती धान की किस्म 1121 के दाम में अचानक आई गिरावट से मंडी की रौनक गायब हो गई।
मंडी में घटी रौनक और खरीददारों की कमी
सुबह-सुबह जब किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रालियों में धान लेकर मंडी पहुंचे तो शुरुआती वक्त में खरीदारों की भीड़ दिखाई दी। लेकिन दोपहर तक हालत पूरी तरह बदल गई। खरीदारों ने हाथ खींच लिए और मंडी में सन्नाटा छा गया। किसान अपने धान के ढेर को बेचने के लिए इधर-उधर आढ़तियों के पास भटकते दिखे।
सुबह के ऊंचे भाव, दोपहर तक गिरावट
सुबह के समय 1121 धान के भाव 4100 रुपये प्रति क्विंटल और 1718 धान के भाव 3450 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचे थे। मगर दोपहर तक भाव गिरकर क्रमशः 4050 और 3400 रुपये रह गए। इसके बाद तो 1121 धान के लिए कोई खरीदार ही नहीं मिला। खरीदारों का कहना था कि कंबाइन से कटाई के बाद धान की भारी मात्रा मंडी में आने से खरीद में देरी हो रही है।
कपास और बाजरे के भी बिगड़े भाव
धान के साथ-साथ कपास के भाव में भी गिरावट देखने को मिली। मंडी में कपास की कुछ ढेरियां 7000 से 7100 रुपये प्रति क्विंटल तक बिकीं, जबकि ज्यादातर ढेरियां 6300 से 6900 रुपये के बीच बिकीं। मंडी में सोमवार को करीब 300 क्विंटल कपास की आवक रही।
किसानों की चिंता बढ़ी
बाजरे के दाम भी 1901 रुपये प्रति क्विंटल और गेहूं के भाव 2471 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास रहे। लगातार गिरते भावों से किसानों में चिंता का माहौल है। किसान अब उम्मीद लगाए बैठे हैं कि आने वाले दिनों में बाजार फिर से स्थिर होगा और उनके मेहनत के दाम उन्हें सही मिल पाएंगे।

















