8th Pay Commission, नई दिल्ली: लाखों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स (pensioners) इस समय 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हर वेतन आयोग के आने से कर्मचारियों की सैलरी (salary hike) और अन्य भत्तों (allowances) में बढ़ोतरी होती है। लेकिन इस बार सरकार की ओर से आया ताजा अपडेट थोड़ा चौंकाने वाला है। नए नियमों के अनुसार सभी सरकारी कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा। कई विभागों के कर्मचारियों को इसके दायरे से बाहर कर दिया गया है जिससे उनके वेतन में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। इस खबर के बाद कर्मचारियों में चिंता और असमंजस की स्थिति बन गई है। आइए विस्तार से जानते हैं कि किन्हें लाभ मिलेगा और किन्हें नहीं।
8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर पर सबकी नजर
हर बार की तरह इस बार भी वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) सबसे ज्यादा चर्चा में है। फिटमेंट फैक्टर ही तय करता है कि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी (basic salary) कितनी बढ़ेगी। वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 है जिसके आधार पर उनकी ग्रॉस सैलरी (gross salary) तय होती है। अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 कर दिया जाता है तो 18000 रुपये की न्यूनतम सैलरी सीधे 51480 रुपये तक पहुंच सकती है। हालांकि अभी सरकार की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि फिटमेंट फैक्टर कितना रहेगा।
किन कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा?
हर सरकारी कर्मचारी को पे कमीशन (pay commission) का फायदा नहीं मिलता। कुछ खास वर्ग के कर्मचारी सरकार द्वारा बनाए गए अलग नियमों के तहत वेतन पाते हैं। जिन कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग के दायरे से बाहर रखा गया है वे इस प्रकार हैं:
पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) के कर्मचारी – इनका वेतन सरकार के बजाय उनके संस्थान की नीति के अनुसार तय किया जाता है।
ऑटोनॉमस बॉडीज (Autonomous Bodies) के कर्मचारी – स्वायत्त संस्थानों के कर्मचारियों को अलग वेतन नीति के तहत वेतन और भत्ते दिए जाते हैं।
उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के जज – इनकी सैलरी और भत्तों में संशोधन अलग नियमों के तहत किया जाता है।
अन्य संविदा और अस्थायी कर्मचारी – संविदा (contract) पर काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलता।
इसका मतलब यह हुआ कि सिर्फ केंद्र सरकार के स्थायी कर्मचारियों और पेंशनर्स को ही 8वें वेतन आयोग का फायदा मिलेगा जबकि अन्य विभागों के कर्मचारियों को इससे बाहर रखा जाएगा।
डीए (DA) में होगी कितनी बढ़ोतरी?
वेतन आयोग के साथ ही केंद्रीय कर्मचारी महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में बढ़ोतरी का भी इंतजार कर रहे हैं। खबरों के मुताबिक अगले साल जनवरी से कर्मचारियों के डीए में 4% की बढ़ोतरी हो सकती है जिससे यह 50% तक पहुंच जाएगा। इसके बाद सरकार महंगाई भत्ता और बेसिक सैलरी को मर्ज (merge) कर सकती है जिससे कर्मचारियों की कुल सैलरी में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
इतनी बढ़ सकती है सैलरी
8वें वेतन आयोग में सैलरी बढ़ोतरी को लेकर अनुमान लगाया जा रहा है कि न्यूनतम बेसिक सैलरी को 26000 रुपये किया जा सकता है। अगर सरकार फिटमेंट फैक्टर को 2.86 तक बढ़ाती है तो कर्मचारियों की सैलरी में भारी इजाफा होगा। उदाहरण के तौर पर:
वर्तमान में: 18000 रुपये × 2.57 = 46260 रुपये (ग्रॉस सैलरी)
संभावित बढ़ोतरी: 18000 रुपये × 2.86 = 51480 रुपये (ग्रॉस सैलरी)
अगर यह बढ़ोतरी होती है तो कर्मचारियों की मासिक इनकम में 5000 रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी हो सकती है।
फिटमेंट फैक्टर की भूमिका क्या होती है?
फिटमेंट फैक्टर सरकारी कर्मचारियों के वेतन निर्धारण में एक अहम भूमिका निभाता है। यह वह गुणक (multiplier) होता है जिसके आधार पर बेसिक सैलरी से कुल सैलरी की गणना की जाती है। यदि किसी कर्मचारी की वर्तमान बेसिक सैलरी 12000 रुपये है तो फिटमेंट फैक्टर 2.57 होने पर उसकी कुल सैलरी इस प्रकार होगी:
12000 × 2.57 = 30840 रुपये
अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 कर दिया जाता है तो यही सैलरी बढ़कर 12000 × 2.86 = 34320 रुपये हो जाएगी।
पे कमीशन लागू होने की प्रक्रिया
भारत सरकार हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग लागू करती है। पहला वेतन आयोग 1946 में लाया गया था और तब से अब तक 7 वेतन आयोग आ चुके हैं। 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था और इसके तहत कर्मचारियों की सैलरी में भारी इजाफा हुआ था। अब 8वें वेतन आयोग की चर्चा जोरों पर है और उम्मीद की जा रही है कि इसे 2026 से लागू किया जाएगा।
वेतन आयोग लागू होने से पहले सरकार एक समिति का गठन करती है जो वेतन बढ़ोतरी की सिफारिशें देती है। इसके बाद वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) इन सिफारिशों को मंजूरी देता है और फिर कैबिनेट से इसे स्वीकृति मिलती है।
कब तक होगा 8वें वेतन आयोग का ऐलान?
सरकार की ओर से अभी तक 8वें वेतन आयोग की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसे 2026 में लागू किया जा सकता है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सरकार इस बार वेतन आयोग को लेकर नई रणनीति अपना सकती है जिसमें कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए जा सकते हैं।

















