Haryana सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा परिवर्तन लाने के उद्देश्य से राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में संस्कार शिक्षकों की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। इस नई नीति के तहत, बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्यों, संस्कृति और गर्व का पाठ पढ़ाया जाएगा। यह निर्णय शिक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने और विद्यार्थियों को संस्कारयुक्त शिक्षा देने के उद्देश्य से लिया गया है।
स्कूल शिक्षा और साक्षरता मिशन के अंतर्गत यह योजना
इस परियोजना को स्कूल शिक्षा और साक्षरता मिशन के अंतर्गत संचालित किया जाएगा, जिसमें संस्कृति मंत्रालय भी सहयोग करेगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को न केवल पढ़ाई में सहायता देना है, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति, नैतिकता और आदर्शों के बारे में जागरूक करना भी है। यह निर्णय सरकार की नई शिक्षा नीति के तहत लिया गया एक बड़ा कदम है।
संस्कार शिक्षकों की भूमिका और उद्देश्य
संस्कार शिक्षकों की मुख्य भूमिका विद्यार्थियों को अच्छा नागरिक बनने के लिए प्रेरित करना होगी। इसके अलावा, वे छात्रों में अनुशासन, ईमानदारी और समाज के प्रति जिम्मेदारी जैसे गुण विकसित करने का कार्य करेंगे। यह योजना विद्यार्थियों को एक सशक्त और मूल्य-आधारित समाज का निर्माण करने में मदद करेगी।
संस्कार शिक्षक निम्नलिखित कार्य करेंगे:
- बच्चों को नैतिकता और संस्कारों का पाठ पढ़ाएंगे।
- विद्यार्थियों को अनुशासन और सदाचार की शिक्षा देंगे।
- भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति जागरूक करेंगे।
- विद्यार्थियों को समाज के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करेंगे।
- मानवता, भाईचारा और नैतिकता के सिद्धांतों को बढ़ावा देंगे।
महिलाओं के लिए 33% आरक्षण
इस योजना के अंतर्गत सरकार ने महिलाओं के लिए 33% आरक्षण की घोषणा की है। इससे महिलाओं को शिक्षा क्षेत्र में रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे और वे समाज निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगी।
इस योजना में महिला आवेदकों को विशेष छूट दी जाएगी, जिससे वे इस योजना में भाग लेकर समाज के निर्माण में सहयोग कर सकें। इससे न केवल महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि बच्चों को एक संवेदनशील और प्रभावी शिक्षा प्राप्त होगी।
संस्कार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवश्यक योग्यता
सरकार ने संस्कार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कुछ न्यूनतम योग्यता निर्धारित की है:
- शैक्षणिक योग्यता: न्यूनतम 12वीं पास।
- आयु सीमा: 18 से 42 वर्ष।
- विशेष छूट: अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और पूर्व सैनिकों (Ex-Servicemen) को 3 वर्ष की अतिरिक्त छूट दी जाएगी।
संस्कार शिक्षकों का कार्यकाल और वेतन
संस्कार शिक्षकों को प्रत्येक दिन 2 घंटे कार्य करना होगा, जिसके बदले उन्हें रु. 9,240 प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा। यह योजना आंशिक (पार्ट-टाइम) रोजगार के रूप में कार्य करेगी, जिससे शिक्षकों को अपनी अन्य जिम्मेदारियों के साथ-साथ यह सेवा देने का अवसर मिलेगा।
कार्य करने की व्यवस्था
- यदि किसी गाँव में केवल एक प्राथमिक विद्यालय है, तो शिक्षक को उसी विद्यालय में पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
- यदि किसी गाँव में दो प्राथमिक विद्यालय हैं, तो शिक्षक को दोनों विद्यालयों में अलग-अलग दिन या अलग-अलग समय पर पढ़ाने का अवसर मिलेगा।
- इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि योजना का लाभ अधिकतम बच्चों तक पहुंचे।
योजना की निगरानी के लिए 7-सदस्यीय समिति का गठन
इस योजना की प्रभावी निगरानी के लिए सरकार 7 सदस्यीय समिति का गठन करेगी। यह समिति सरकारी स्कूलों की शिक्षा प्रणाली और शिक्षकों के कार्यों पर नज़र रखेगी।
समिति की विशेषताएँ
- समिति के सदस्य न्यूनतम 12वीं पास होंगे।
- समिति के सदस्य सामाजिक सेवा से जुड़े हुए व्यक्ति होंगे।
- यह समिति स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) से अलग होगी, लेकिन SMC के सदस्य भी इसमें शामिल हो सकते हैं यदि वे शैक्षिक योग्यता को पूरा करते हैं।
इस समिति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि संस्कार शिक्षक अपने कार्य को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाएं और इस योजना का पूरा लाभ विद्यार्थियों तक पहुँचे।
संस्कार शिक्षक बनने के लाभ
1. युवाओं के लिए रोजगार के अवसर
संस्कार शिक्षकों की इस योजना से युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। 12वीं पास युवा जो समाज में योगदान देना चाहते हैं, वे इस योजना से लाभान्वित हो सकते हैं।
2. शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों की शिक्षा
इस योजना के अंतर्गत बच्चों को केवल पाठ्यक्रम की शिक्षा ही नहीं दी जाएगी, बल्कि उन्हें संस्कार और नैतिक मूल्यों की शिक्षा भी दी जाएगी।
3. महिला सशक्तिकरण
महिलाओं के लिए 33% आरक्षण दिए जाने से यह योजना महिला सशक्तिकरण में भी सहायक होगी। महिलाएँ इस योजना के माध्यम से रोजगार प्राप्त कर सकेंगी और समाज निर्माण में योगदान दे सकेंगी।
4. भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार
संस्कार शिक्षक बच्चों को भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जोड़ेंगे, जिससे हमारी सांस्कृतिक विरासत मजबूत होगी और आने वाली पीढ़ियाँ अपनी जड़ों से जुड़ी रहेंगी।
5. बच्चों का सर्वांगीण विकास
इस योजना के तहत विद्यार्थियों को शारीरिक, मानसिक और नैतिक रूप से मजबूत बनाया जाएगा, जिससे वे एक अच्छे नागरिक बन सकें।
हरियाणा सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव लाने वाला है। संस्कार शिक्षकों की नियुक्ति से बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्यों और भारतीय संस्कृति का ज्ञान भी प्राप्त होगा। यह योजना युवाओं को रोजगार प्रदान करने, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और समाज में नैतिकता की पुनः स्थापना करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।
इस योजना से राज्य में शिक्षा प्रणाली मजबूत होगी और विद्यार्थियों को संस्कारित शिक्षा मिलेगी, जिससे वे भविष्य में जिम्मेदार नागरिक बन सकेंगे। सरकार के इस प्रयास से हरियाणा में शिक्षा का स्तर और बेहतर होगा और आने वाली पीढ़ी को एक उज्जवल भविष्य मिलेगा।

















