जब तक समस्या का समाधान नहीं होगा,आशा कार्यकर्ताओं का जारी रहेगा आंदोलन

रेवाडी: स्कीम वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया तथा केंद्रीय ट्रेड यूनियन एआईयूटीयूसी से संबंधित आशा कार्यकर्ता यूनियन की ओर से बेमियादी आंदोलन को जारी रखने का निर्णय लिया गया है। उनका कहना है कि सरकार की ओर से समस्या समाधान होने तक आंदोलन जारी रहेगा। इसमें उनका कोई दोष नहीं होगा। आंदोलन के चलते 600 प्रकार की सेवाएं प्रभावित होंगी। वर्तमान में जिले में करीब 2200 आशा कार्यकर्ता हैं। वे समाज की कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही हैं।

आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि अगर सरकार ने उनकी मांगों का संज्ञान नहीं लिया तो आगामी गीता जयंती महोत्सव को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नहीं जुड़ेंगी। इतना ही नहीं सरकार की विभिन्न योजनाओं में कार्यकर्ताओं की हिस्सेदारी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 6 दिसंबर को पत्र जारी करके आशा कार्यकर्ताओं को कोरोना से संबंधित कार्य करने के लिए प्रोत्साहन के तौर पर मिल रही हजार रुपये की राशि को अक्तूबर-2021 से मार्च-2022 तक जारी रखने की यूनियन की मांग को स्वीकार कर लिया है, जो सराहनीय कदम है।

उन्होंने बताया कि बीएलओ की जिम्मेदारी हमारे पास, इसके अलावा स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं की जिम्मेदारी, केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही मातृत्व वंदन योजना सहित राज्य सरकार की योजना आपकी बेटी हमारी बेटी जैसी महत्वपूर्ण 600 प्रकार की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो समाज को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। उसके बाद भी सरकार हमारी मांगे अनदेखा कर रही है। सितंबर के बाद से सरकार ने यह राशि देना बंद कर दिया था, जिसके विरोध में यूनियन ने 6 नवंबर को मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार के नाम ज्ञापन प्रेषित किया था तथा 11 नवंबर को राज्य के सभी उपस्वास्थ केंद्रों पर आशा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करके इसे जारी रखने की मांग की थी। इसलिए यह आंदोलन की जीत है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि आशा कार्यकर्ताओं की शेष मांगों को भी स्वीकार किया जाए और अनुबंधित स्टाफ की तरह ही आशा कार्यकर्ताओं को भी 7वें वेतन आयोग का लाभ देकर न्यूनतम वेतन 21000 रुयये प्रति माह दिया जाए।
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हमारी सरकार आशा कार्यकर्ताओं की मांगें जल्द पूरी करे। कोरोना काल में आशा कार्यकर्ताओं का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। इसको लेकर सरकार हमारी मांगों की जल्द सुनवाई करें। आशा कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा जरूर मिलना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो आशा कार्यकर्ताओं से जुड़ीं योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।
-राजबाला, यूनियन राज्य प्रधान
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आशा कार्यकर्ताओं को कोरोना में किए गए कार्य को देखते हुए प्रोत्साहन राशि जारी रखने की बात कही गई है, जो कि सराहनीय कदम है। इसके अलावा बाकी मांगों पर सरकार ध्यान दे। ताकि आशा कार्यकर्ताओं की समस्या का समाधान जल्द से जल्द हो सके। मांगों को लेकर कार्यकर्ताओं का आंदोलन जारी रहेगा। यह भी है कि रखा गया था 6 प्रकार की सेवाओं के लिए दी गई 600 योजनाओं की जिम्मेदारी, जो हमारे लिए बहुत बड़ी बात है।
संतोष, आशा कार्यकर्ता।