Google: गूगल ने 23 दिसंबर 2025 को भारत में आपातकालीन स्थान सेवा यानी इमरजेंसी लोकेशन सर्विस की आधिकारिक शुरुआत कर दी है। इस तकनीक का उद्देश्य आपात स्थिति में मदद को अधिक तेज और सटीक बनाना है। फिलहाल इस सेवा को उत्तर प्रदेश में 112 आपातकालीन सेवा के साथ एकीकृत किया गया है, जहां से इसे चरणबद्ध तरीके से अन्य राज्यों में लागू किए जाने की तैयारी है
ये होगा फायदा: यह पहल सड़क दुर्घटनाओं, चिकित्सा आपात स्थिति, अपराध या किसी भी संकट के समय राहत और बचाव कार्यों को प्रभावी बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।इमरजेंसी लोकेशन सर्विस के तहत जब कोई व्यक्ति 112 जैसे आपातकालीन नंबर पर कॉल करता है या एसएमएस भेजता है, तो उसका सटीक स्थान स्वतः ही आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र तक पहुंच जाता है।
इसके लिए उपयोगकर्ता को अलग से अपनी लोकेशन बताने या किसी ऐप का सहारा लेने की जरूरत नहीं होती। यह सुविधा खासतौर पर उन परिस्थितियों में मददगार साबित होगी, जब पीड़ित घबराहट में होता है या अपनी सही लोकेशन बताने की स्थिति में नहीं होता।
जानिए कैसे करेगी फायदा: गूगल की यह तकनीक जीपीएस, वाई-फाई और मोबाइल नेटवर्क सिग्नल का संयुक्त उपयोग करती है, जिससे कई मामलों में 50 मीटर के भीतर तक की सटीक लोकेशन का पता लगाया जा सकता है। इससे पुलिस, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी आपातकालीन सेवाओं को घटनास्थल तक पहुंचने में कम समय लगेगा और बहुमूल्य जान बचाई जा सकेगी। तकनीकी जानकारों के अनुसार, भारत जैसे बड़े और घनी आबादी वाले देश में यह सुविधा आपातकालीन सेवाओं की कार्यप्रणाली को नई मजबूती देगी।
डिवाइस अनुकूलता की बात करें तो यह सेवा एंड्रॉइड 6.0 मार्शमैलो और उससे ऊपर के सभी स्मार्टफोन्स पर काम करेगी। इसके लिए किसी अतिरिक्त ऐप, हार्डवेयर या सेटअप की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह सुविधा एंड्रॉइड सिस्टम में पहले से ही अंतर्निहित है। गोपनीयता को लेकर भी गूगल ने स्पष्ट किया है कि लोकेशन डेटा केवल आपातकालीन कॉल या संदेश के दौरान ही साझा किया जाता है और इसे न तो संग्रहित किया जाता है और न ही गूगल द्वारा देखा जाता है।
जल्द होगी लागू: उत्तर प्रदेश में इसकी शुरुआत के साथ ही प्रशासन और तकनीकी विशेषज्ञों को उम्मीद है कि आने वाले समय में यह सेवा देशभर में लागू होकर आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को और अधिक भरोसेमंद बनाएगी।

















