रेवाड़ी- 20अक्टूबर 1962 को दोस्ती की पीठ में छुरा घोंपते हुए चीन ने भारत पर अचानक आक्रमण कर दिया । देशभर में जब दीपावली उत्सव की तैयारी शुरू हो चुकी थी भारतीय सेवा के रण बांकुरे अपनी जान हथेली पर रखकर देश की सीमाओं की रक्षा में जुटे हुए थे ।GRAPS 4 की उड रही धज्जियां, Rewari में AQI हुआ खतरनाक, सरेआम जलाया जा रहा कचरा
18 नवंबर 1962 को रेजांगला पोस्ट पर मेजर शैतान सिंह भाटी परमवीर चक्र की कमान में 13 कुमाऊं की चार्ली कंपनी के 125 अहीर जवानों की टुकड़ी ने चीन की गोला बारूद को अपना सर्वोच्च बलिदान देकर शांत किया ताकि देशवासी दीपावली सदा खुशी और उल्लास के साथ मनाते रहें ।
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रेजांगला शौर्य समिति के संस्थापक महासचिव राव नरेश चौहान राष्ट्रपूत ने य़ह जानकारी देते हुए बताया कि रेवाड़ी स्थित रेजांगला युद्ध स्मारक पर हर वर्ष की भांति धनतेरस से दिपावली तक शाम 6 बजे प्रतिदिन हर आम और खास अमर शहीदों की याद में शहीद परिवारों के साथ आत्मीयता व्यक्त करते हुए एक-एक दीप जलाकर सेल्फी लेंगे ।
अपनी सेल्फी सोशल मीडिया के माध्यम से भारतीय सेना की सर्वोच्च कमांडर महामहिम राष्ट्रपति, देश के प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री को भेज कर राष्ट्रीयता के इस पर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे ।