Farmer leader Rakesh Tikait का बड़ा ऐलान, सीने पर गोली खा ले लेगें, मगर पीछे नहीं हटेंगे

KISAN RAKESH TIKET

Kisan Andolan : किसान आंदोलन पिछली बार की तरह उग्र होता जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन की ओर से आयोजित मासिक पंचायत में किसान नेता चौधरी Rakesh Tikait ने एक बार एक बडी चेतावनी दे डाली। कहा कि 21 फरवरी को यूनियन कार्यकर्ता ट्रैक्टरों के साथ जिला मुख्यालय तक मार्च करेंगे।

KISAN RAKESH TIKET

MSP कानून नहीं तो आंदोलन रहेगा जारी

मुजफ्फरनगर के सिसौली आयोजित बैठक में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी Rakesh Tikait  ने कहा कि उन्हें MSP कानून से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। अगर मांगे नहीं मानी तो आंदोलन जारी रहेगा।

 

टिकैत परिवार शहादत के लिए तैयार

आंदोलन में टिकैत परिवार का एक सदस्य शहादत देगा। किसानों की  Rakesh Tikait मांगों के लिए बॉर्डर पर नहीं तो आंदोलन के दौरान सीने पर गोली खा लेंगे, लेकिन पीछे नहीं हटेंगे।किसानों की राजधानी कहे जाने वाले सिसौली कस्बे के किसान भवन में आयोजित भारतीय किसान यूनियन की मासिक पंचायत में चार राज्यों के किसान नेता जुटे थे।

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उन्होंने कहा कि पंजाब से दिल्ली जा रहे किसानों को रोकने के लिए सरकार जितनी ताकत का इस्तेमाल कर रही है। जो एक अन्दाता पर अन्याय है। सरकार को किसानों की मांग को लेकर बात करनी चाहिए न की ड्रोन से हमले।

मर जाएंगे लेकिन पिछे नहीं हटेंगे

चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि वह मरते दम तक किसानों के साथ खड़े हैं। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि उनकी गुंडागर्दी नहीं चलने दी जायेगी। किसान अपना भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं इसी लिए आंदोलन करना होगा।

किसानों का नहीं छोड़ेंगे साथ

इसके बाद, 26 और 27 फरवरी को हरिद्वार से लेकर गाजीपुर बॉर्डर तक उस दिशा की ओर मुंह करके ट्रैक्टर खड़े किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह सरकार पूंजीपतियों की है, जिसे किसानों की कोई परवाह नहीं हैं।उन्होंने कहा कि टिकैत परिवार गोली खाने को तैयार है, लेकिन किसानों का साथ नहीं छोड़ेगा।

जानिए क्या हे किसानो की मांग

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कृषकों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन तथा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए “न्याय”, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं।

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केंद्र सरकार पर दबाव डालने के लिए किसान पंजाब और हरियाणा के दो सीमा बिंदुओं पर मौजूद हैंI जहां उनकी हरियाणा के पुलिस कर्मियों के साथ झड़प हुई है और पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं। राकेश टिकैत ने किसानों को आगाह किया कि एक साल की फसल आंदोलन में लगाने को तैयार रहोI

जमीर और जमीन बचाना है तो आंदोलन करना पड़ेगा

वहीं बीजेपी के 400 सीट पार वाले नारे पर राकेश टिकैत बेहद हमलावर दिखे और बोले चुनाव की जरूरत नहीं है रिन्यूअल करा लो सरकार का.I   वहीं उन्होंने कहा कि जमीर और जमीन बचाना है तो आंदोलन करना ही पड़ेगाI साल 2047 तक 70 प्रतिशत जमीनों पर उद्योगपति कब्जा कर लेंगे और रोटी तिजोरी में कैद होगीI