Alwar: बहरोड लोकअप से बदमाश फरार, बदमाश आगे आगे, पीछे पीछे दौडती रही पुलिस

दो साल पहले पपला भी भागा था इसी लोकअप से, पुलिस की हुई किरकरी                                                              बहरोड: सुनील चौहान। अलवर पुलिस की लापरवाही के चलते एक बार फिर बहरोड लोकअप से सरेआम बदमाश भाग गया। हालाकि पुलिस ने बदमाश का पीछा भी किया, लेकिन बदमाश की दौड के सामने पुलिस की दौड दम तोड गई। पुलिस मामले का काफी देर छिपाती रही, लेकिन देर रात मामले सामने आया। वहीं, इसके सीसीटीवी फुटेज सोमवार को सामने आए। कुख्यात गैंगेस्टर पपला गुर्जर को उसके साथी करीब 2 साल पहले बदमाश बहरोड़ थाने का लॉकअप तोड़ गोलियां बरसाते हुए भगा ले गए थे। उस घटना के बाद बहरोड़ पुलिस की खूब किरकरी हुई।

क्या था मामला: अलवर के बहरोड़ कस्बे में रविवार दोपहर बाद पुलिस ने एक युवक व महिला को संदिग्ध समझ पकड़ा था। दोनों को थाने लेकर आए। थाने के बाहर जैसे ही युवक को पुलिस की गाड़ी से नीचे उरतने को कहा वह भाग गया। फिर पुलिस पीछे-पीछे और महिला को भगा कर लाया युवक आगे-आगे भागता रहा। आखिर पुलिस उसे नहीं पकड़ सकी। बाद में पता चला कि युवक पलवल के राजपुरा गांव से महिला को भगा लाया था। महिला के ढाई साल की बेटी भी है। बहरोड़ पुलिस ने केवल संदिग्ध मानकर ही उनको पकड़ा था।

परिजनों ने युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया:
उधर, हरियाणा के पलवल थाना क्षेत्र में महिला के ससुराल पक्ष के लोगों ने युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया हुआ है। महिला से पूछताछ के आधार पर बहरोड़ पुलिस ने पलवल थाने को सूचित किया। इसके बाद महिला को उसके परिजन लेने आए। युवक के भाग जाने के बाद महिला ने सब बता दिया कि युवक प्रदीप उसे करीब 8 दिन पहले घर से लेकर आ गया। उसकी ढाई साल की बेटी को भी घर पर छोड़ कर आ गए।

युवक नहीं मिला, महिला को भेजा:
युवक के भाग जाने के बाद पुलिस ने कॉलोनियों में उसका पीछा किया। वह नहीं मिल सका। हालांकि बाद में पुलिस ने महिला को उसके परिजनों को सौंप दिया। इस मामले में वहीं के थाने में मुकदमा दर्ज है। अब वहां की पुलिस मामले की जांच कर आगे कार्रवाई करेगी। बहरोड़ पुलिस के कब्जे से युवक का यूं भाग जाने पर सवाल खड़े होना लाजिमी है। असल में 6 सितम्बर 2019 को पपला उर्फ विक्रम गुर्जर को बदमाश इसी थाने से भगा कर ले गए थे। उसके बाद पुलिस को 250 से अधिक जगहों पर छापेमारी करनी पड़ी थी। करोड़ों रुपया भी खर्च करना पड़ा था। इसके बावजूद भी पुलिस की सुस्ती पर सवाल खड़े होने लाजिमी हैं।