सोमवार को ठंड ने दिखाए तेवर, रेवाडी में साढ़े तीन डिग्री सेल्सियस रहा तापमान

रेवाड़ी: नए सप्ताह की शुरुआत से ही सर्दी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। सोमवार को साढ़े तीन डिग्री सेल्सियस के साथ न्यूनतम तापमान बीते पांच सालों के मुकाबले सबसे कम रहा। सोमवार को इस सीजन का भी अब तक सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया है। इससे पहले 2020 में 13 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम विभाग के अनुसार आगामी दिनों में तापमान और तेजी के साथ गिरेगा तथा ठंड बढ़ेगी। आसमान में दिनभर छाए रहे बादल:

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के बावल स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के अनुसार सोमवार को अधिकतम तापमान 21.6 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रविवार के मुकाबले अधिकतम तापमान में 1.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। रविवार को अधिकतम तापमान 23.4 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम विशेषज्ञों का पूर्वानुमान है कि पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी की वजह से मैदानी इलाकों में भी सर्दी का असर बढ़ेगा। इस कड़ी में दिल्ली-एनसीआर में इस सप्ताह से ठिठुरन और बढ़ सकती है। सप्ताह के अंत तक पारे का तेजी से लुढ़कने का दौर जारी रहेगा। जिले में न्यूनतम तापमान लुढ़कने के कारण पूरा दिन लोगों की कंपकपी छूटी रही। आसमान में दिनभर बादल छाए रहने के कारण बीच-बीच में धूप निकलने के बावजूद लोगों को ज्यादा राहत नहीं मिल पाई। शाम होते-होते सर्द हवाओं के कारण लोगों की ठिठुरन और बढ़ गई। लोगों ने खुद को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़ों के साथ-साथ अलाव और हीटर का भी सहारा लिया।

फसलों के लिए फायदेमंद है ठंड:
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार बढ़ी हुई ठंड रबी की फसलों के लिए फायदेमंद मानी जा रही है, विशेषकर गेहूं की फसल के लिए ज्यादा फायदेमंद है। मौसम में आए बदलाव के कारण किसान राहत महसूस कर रहे हैं। रात के तापमान में आई गिरावट के कारण ओस गिरने का सिलसिला जारी है। बच्चों-बुजुर्गो को ठंड से बचाने की सलाह: पिछले एक सप्ताह से लगातार तापमान में गिरावट होने के चलते सर्दी भी अपने तेवर दिखा रही है। चिकित्सक इस मौसम में बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी रखने की सलाह दे रहे हैं। सुबह-शाम हो रही तेज सर्दी से बचाव के लिए जहां बुजुर्गों को शाम के समय घर से बाहर नहीं निकलने तथा बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनने की सलाह दी जा रही है। छह सालों के दौरान 13 दिसंबर को अधिकतम और