रेवाडी: सुनील चौहान। राइट टू सर्विस (सेवा का अधिकार) तहत काम में लापरवाही बरतना अधिकारी या कर्मचारी को भारी पड़ सकता है। सेवाएं प्रदान करने में देरी करने वाले अधिकारी-कर्मचारी पर आयोग के मुख्य आयुक्त 20 हजार रुपए तक जुर्माना कर सकते हैं। यह जुर्माना राशि संबंधित अधिकारी को अपने वेतन से भरनी होगी।
विशेष बात ये है कि जिस भी अधिकारी या कर्मचारी पर 3 पैनल्टी लग गई तो आयोग उसे नौकरी से बर्खास्त करने की सरकार से सिफारिश करेगा। यही नहीं, पीड़ित आवेदक को भी आयोग 5 हजार रुपए तक का मुआवजा देरी के लिए दे सकता है। आयोग के फैसले के खिलाफ अपील उच्च न्यायालय में ही हो सकती है। गुरुवार को शहर के जैन स्कूल सभागार में आयोजित कार्यशाला के दौरान राइट टू सर्विस कमीशन के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता (सेवानिवृत्त आईएएस) तमाम नियम कानूनों के बारे में बताया।
31 विभागों की 546 सेवाएं सेवा के अधिकार में शामिल
मुख्य आयुक्त ने कहा कि सेवा का अधिकार आयोग के माध्यम से नागरिकों को यह अधिकार मिल गया है कि सरकार की सेवाओं व योजनाओं का तय समयसीमा के भीतर लाभ मिले। वर्तमान में सरकार के 31 विभागों की 546 सेवाएं व योजनाएं सेवा का अधिकार अधिनियम 2014 के तहत अधिसूचित है। मुख्य आयुक्त गुप्ता गुरुवार को शहर के जैन पब्लिक स्कूल सभागार में सेवा का अधिकार अधिनियम 2014 विषय पर प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, आरडब्ल्यूए व अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों की संयुक्त कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले डीसी यशेंद्र सिंह ने मुख्य आयुक्त को सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत आने वाली सेवाओं व योजनाओं की प्रगति के बारे में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभागवार अवगत कराया।
मुख्य आयुक्त ने सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत सेवाएं व योजनाएं उपलब्ध कराने के मामले में जिला प्रशासन रेवाड़ी के स्कोर को सराहा। रेवाड़ी जिला बीते दो वर्षों के दौरान सेवा का अधिकार अधिनियम के दायरे में आने वाले कार्यों में राज्य स्तर पर अधिकतर पहले या दूसरे स्थान पर रहा है।
पब्लिक का संतुष्टि रेट बढ़ाना होगा
सरकारी विभागों के अधिकारियों को निर्धारित समय अवधि में ही सेवाएं आम जनता को देनी हैं। इस दौरान सभी अधिकारी यह ध्यान रखें कि आवेदनों का रिजेक्शन रेट कम हो और पब्लिक संतुष्टि रेट में सुधार हो। इन सेवाओं के बारे में जानकारी वेबसाइट https://haryana-rtsc.gov.in पर उपलब्ध है।
सुझाव और शिकायतों के लिए करें ई-मेल : नोटिफाइड सेवाओं में और सेवाएं जोड़ने या आयोग के साथ अपने सुझाव अथवा शिकायत साझा करने के लिए rtsc-hry@gov.in पर ई-मेल कर सकते हैं। टीसी गुप्ता ने कहा कि आयोग प्रो-एक्टिव होकर काम कर रहा है तथा किसी भी अधिकारी द्वारा सेवाएं प्रदान करने में देरी करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करने में नहीं हिचकेगा। आयोग ने हाल ही में मुख्यमंत्री के द्वारा ऑटोमैटिड अपील सॉफ्टवेयर (आस) की शुरूआत करवाई है, जिसमें व्यक्ति के आवेदन पर निर्धारित अवधि में काम नहीं होने पर अपने आप उच्च अधिकारी के पास अपील चली जाएगी। नागरिकों को समय पर सेवा उपलब्ध न होने पर रेवाड़ी से चंडीगढ़ तक बैठे अधिकारी जवाबदेही तय है।
मुख्य आयुक्त ने अधिसूचित सेवाओं से जुड़ी समस्याएं सुनी
कार्यशाला में मुख्य आयुक्त ने लोगों से सुझाव लिए और उनकी अधिसूचित सेवाओं से संबंधित समस्याएं भी सुनी। इस मौके पर एसडीएम रेवाड़ी रविंद्र यादव, एसडीएम बावल संजीव कुमार, एसडीएम कोसली होशियार सिंह, सीटीएम रोहित कुमार, डीएसपी हंसराज, नगर परिषद की चेयरपर्सन पूनम यादव, जिला परिषद की निवर्तमान चेयरपर्सन शशिबाला, सिविल सर्जन डॉ. कृष्ण कुमार, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार, पदम जैन, प्रदीप जैन, राहुल जैन सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।