रेवाड़ी: सर्दियों में रोज हो रहे हादसो को लेकर एनएचएआई के अधिकारी गंभीर नहीं है। दिल्ली-जयपुर हाइवे (एनएच-48) पर यातायात सुरक्षा इंतजाम अधूरे हैं। सर्दी के मौसम में कोहरा भी छाना शुरू हो चुका है, मगर यहां कई जगह सफेद पट्टी तक मिट चुकी है।गोमामेडी हत्या कांड: गुरूग्राम जेल में रची थी हत्या की पटकथा, सुपारी लेने वाला पहुंचा विदेश
अवैध कटों की समस्या काफी समय से रही है। धारूहेड़ा क्षेत्र हाइवे पर कई कट इतने बडे बडे बने हुए है वाहन चालकों को यही नहीं पता लग पाता कि किस कौन सा वाहन दिशा में जाएगा।
कई जगह रिफ्लेक्टर भी नहीं लगे हैं। कुछ स्थानों पर तो सिग्नल लाइट की भी जरूरत है, मगर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से अभी तक इस ओर ध्यान ही नहीं दिया गया है।
हर माह होने वाली रोड सेफ्टी की बैठक में भी हाइवे के अवैध कटों को बंद करने तथा जरूरी स्थानों पर रिफ्लेक्टर आदि लगाने के निर्देश जाते रहे हैं, जिन्हें एनएचएआई के प्रतिनिधि नोट भी करके ले जाते हैं। मगर धरातल पर पूरी तरह अमल नहीं हो पाया है। पिछले माह मिटिंग हुई, लेकिन न तो कट बंद किए तथा नही कहीं संकेतक लगाए।भारत को जानो एवं जीके क्विज के विजेताओ को किया सम्मानित
हाइवे से हर रोज गुजरने वाले वाहन चालकों, नौकरी पेशा व उद्यमियों ने भी सरकार को इन खामियों से अवगत करवा चुके है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। सरकार टॉल पर सुविधाओं के नाम पर मोटी वसूली तो कर रही है, लेकिन सुविधाओं को लेकर गंभीर नही है।
धारूहेड़ा: हाईवे पर न संकेतक, न ही सफेद पट्टी, रोज हो रहे हादसे