Malaria कितनै प्रकार का होता है मलरिया, जानें मलेरिया के लक्षणों और बचाव के उपाय

MALARIA

Malaria : गर्मी के मौसम में जगह-जगह जलभराव एवं गंदगी होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है, जिससे मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू आदि के संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। सरकार की ओर से मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए मलेरिया रोधी माह मनाने का निर्देश दिया है। यह अभियान 30 जून तक जारी रहेगा।

ऐसे में घर के आस-पास एवं घर के अन्दर मच्छरों के पनपने के स्थान या घरों के आस-पास होने वाले जल जमाव, गमले एवं पशु-पक्षियों के पानी पीने के पात्र एवं घरों की छतों पर रखी अनुपयोगी वस्तुओं का समुचित निस्तारण किया जाना अति आवश्यक है।

हमें कैसे पता चलेगा कि किसी को मलेरिया है?

मलेरिया संक्रमण की पुष्टि के लिए, आपको रक्त परीक्षण की आवश्यकता होती है। मलेरिया निदान में आम तौर पर मलेरिया परजीवियों की उपस्थिति की पहचान करने के लिए माइक्रोस्कोप के तहत रक्त के नमूने की जांच करना शामिल होता है।

मलेरिया बुखार कितने दिन में ठीक हो जाता है?

मलेरिया की अवधि लगभग 18-40 दिनों तक होती है, जबकि पी. फाल्सीपेरम की अवधि नौ से 14 दिनों तक होती है, और पी. विवैक्स और पी. ओवले की अवधि 12-18 दिनों तक होती है।

मलेरिया व डेंगू से बचाव के लिए सजग व सतर्क रहने की जरूरत :

डीसी ने कहा कि आमजन को गर्मी के मौसम में मलेरिया, डेंगू आदि से सजग व सतर्क रहना होगा। इसी के मद्देनजर सरकार द्वारा 30 जून तक मलेरिया रोधी माह मनाया जा रहा है। इस अभियान को सफल बनाने में स्वास्थ्य विभाग का अहम रोल रहेगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया व डेंगू की पुष्टि के लिए जांच की जाएगी।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बुखार पीड़ित व्यक्तियों के चिह्नांकन की जिम्मेदारी आशा, एएनएम व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की है। लक्षण से पीड़ित मरीजों की पहचान कर उन्हें स्वयं या सीएचसी व प्राथमिक पीएचसी भेजकर जांच की जाए।

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उन्होंने जन समुदाय से अपील की है कि मच्छरों से बचने के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें एवं सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। बुखार होने पर निकट के स्वास्थ्य केंद्र पर रक्त की जांच एवं उपचार कराएं। स्वयं से कोई दवा लेकर सेवन न करें।

मलेरिया के लक्षण और बचाव :

मलेरिया बुखार के लक्षण क्या हैं? (Symptoms Of Malaria)
बुखार (Fever)
कंपकंपी के साथ बुखार

 

बदन में अकड़न और दर्द (Body Ache)
सिरदर्द(headache)
बहुत अधिक पसीना आना (excessive sweating)
मसल्स पेन (Muscles pain)

 

मतली (nausea), चक्कर और उल्टी (vomiting)
कमजोरी (weakness) महसूस करना
ठीक से खड़े हो पाने में असमर्थ होना

 

सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करे। नीम के पत्ती का धुआं करे। अपने घर के नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर रक्त की जांच अवश्य करवाने का कार्य करे। बुखार होने पर तुरंत इसकी जांच कराएं, अगर जांच में मलेरिया पाया जाता है तो पूरे 14 दिन तक गोली खाएं।

मलेरिया के कितने प्रकार होते हैं?

  • प्लास्मोडियम नोलेसी
  • प्लास्मोडियम मलेरिया (P. malariae)
  • प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (P. Falciparum)
  • सोडियम विवैक्स (P. Vivax)
  • प्लाज्मोडियम ओवेल मलेरिया

डेंगू के लक्षण और बचाव :

डेंगू बीमारी की शुरुआत तेज बुखार और सिरदर्द व पीठ में दर्द से होती है। शुरू के दिनों में शरीर के जोड़ों में दर्द होता है।, आंखे लाल हो जाती है। डेंगू बुखार दो से चार दिनों तक होता है उसके बाद शरीर का तापमान धीरे-धीरे अपने आप नॉर्मल होने लगता है।

बुखार के साथ ही साथ शरीर में खून की कमी होने लगती है। डेंगू से बचने के लिए मच्छरों के प्रकोप से बचना चाहिए। अपने घरों के आसपास पानी को इकठ्ठा न होने दे। सावधानी में ही बचाव है।