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सुनील चौहान: धारूहेड़ा: दिल्ली-जयपुर हाईवे पर जलभराव को लेकर एनएचएआई कितने गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पांच साल बाद अधूर वे टूटे नालों की सफाई शुरू की है। अधूरे व गंदगी से अटे नालों के चलते हाईव पर सर्विस लाईन जलमग्न हो रही है।
बता दे कि दिल्ली-जयपुर हाईवे शहर के अंदर दोनों तरफ एनएचएआइ की ओर से बरसाती नालों का निर्माण कराया गया था, ताकि बरसाती पानी इसके माध्यम से निकल सके लेकिन एनएचएआइ के अधिकारियों की उदासीनता के चलते नालों की सफाई नहीं हो पा रही।
इससे बरसाती पानी नालों में जाने के बजाय सर्विस रोड और मुख्य सड़क पर एकत्रित हो रहा है। सड़क पर पानी खड़ा होने से उसके टूटने का भी खतरा बना रहता है।
लोगो का कहना है एनएचएआइ अधिकारी सड़क का निर्माण करने के बाद नालों का रख-रखाव करना भूल गए हैं। इस कारण इन नालों की देखभाल नहीं हो पा रही है। शहर में जगह-जगह नालों पर रखी स्लैब टूट चुकी है और उसका मलबा नालों के अंदर ही पड़ा हुआ है।
इससे बरसाती पानी आगे जाने की बजाय सड़क पर जमा हो रहा है। उन्होंने कहा कि एनएचएआइ सुविधा के नाम पर टोल टैक्स तो वसूल रही है, परंतु वाहन चालकों को कोई सुविधा मुहैया नहीं हो रही है।
हर साल सुरक्षा व रखरखाव के लिए लाखों रूपए लगाए जाते है। आखिर रखरखाव के नाम पर करोड़ों रुपये कहां खर्च किए जा रहे हैं। अधिकाश जगह हाईवे पर लाइटें नहीं है वही जहां पर है वो स्ट्रीट लाइटें अक्सर बंद रहती हैं। जगह-जगह रेलिंग टूटने से हर पल हादसा होने की आशंका रहती है।
करवाई जाती है सफाई: नालो को होटल व ढाबे वाले मिट्टी से भर देते है ताकि वाहनों को धूम कर नही आना पडे। कटों को बंद किया जा रहा है नाले की सफाई जारी है।
योगेश पाठक, मैनेजर, एनएनएआई