HARYANA

Haryana: स्कूल संचालको का बडा खेल: हादसा होने पर स्कूल की जिम्मेदारी नहीं ?

Haryana: महेंद्रगढ़ में जीएल पब्लिक स्कूल (GL Public school)  बस हादसे में छह बच्वो की मौत हो गई। हादसे के (Haryana news)  बाद स्कूल संचालक बसों को सुधारने की बजाय नए तरीके से जिम्मेदारी टालने का रास्ता ढूंढ लिया है। स्कूल की ओर से दाखिला फार्म में ही लाइन लिखवा दी गई है कि ‘मैं छात्रों के परिवहन के दौरान होने वाली किसी भी दुर्घटना के लिए स्कूल अधिकारियों को जिम्मेदार नहीं ठहराऊंगा। कही भी स्कूल बस से जाने/स्कूल आने पर होने वाले हादसे के लिए वह स्वयं जिम्मेदार है।’

 

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अभिभावको से  साईन: स्कूली वाहन में दुर्घटना होने के बाद स्कूल संचालकों पर कोई जुर्माना नहीं भुगतना पडे, इससे बचने का रास्ता भी निकाल लिया है। एडमिशन फार्म में ही स्कूल के नियमों में एक लाइन जोड़कर अभिभावकों के हस्ताक्षर करवाए जा रहे है। ताकि भविष्य में यदि हादसा होता है तो स्कूल संचालक इसी फार्म को अभिभावकों को दिखाते हुए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ सकें।

 

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बिना पढे कर हस्ताक्षर : बताया जा रहा है पूरे फार्म का अध्यापक स्वयं भी भरता है तथा बाद में उस पर पेरेंट के साईन (Signature) करवा लेता है। ऐसे में पेरेंट को पता नही कि वह हादसे के लिए स्वयं जिम्मेदार है।

प्रदेश में करीब 15 हजार निजी स्कूल हैं, जिनके करीब 41 हजार वाहन बच्चों को लाने-ले जाने के लिए परिवहन विभाग के पास पंजीकृत हैं। जबकि 10 हजार से ज्यादा वाहन ऐस है जो स्कूल के नाम ही नहीं है। लेकिन टाईएप के चलते बच्चो को स्कूल छोडने का कार्य कर रहे है। इनमें से भी 30 से 40 प्रतिशत वाहनों की तीन-चार वर्ष से पासिंग (Bus passing) नहीं हुई। फिर भी वाहन चलाए जा रहे है।

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