हरियाणा के Governor Asim Kumar Ghosh ने शनिवार को अपनी पत्नी श्रीमती मित्रा घोष के साथ सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, खरावर का दौरा किया। जैसे ही वे विद्यालय के मुख्य द्वार पर पहुंचे, उनकी नजर रंगोली में बने भारत के मानचित्र पर पड़ी, जिसमें एक त्रुटि थी। राज्यपाल ने स्वयं उस त्रुटि को सुधारा और समझाया कि बंगाल क्षेत्र को सही स्थान से दर्शाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “भारत का नक्शा हमारी पहचान है, इसे सही रूप में प्रस्तुत करना हमारा कर्तव्य है।”
विद्यार्थियों से संवाद और शिक्षण व्यवस्था की समीक्षा
लगभग सवा घंटे तक चले इस निरीक्षण के दौरान राज्यपाल ने विद्यालय की विभिन्न शैक्षणिक सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने प्राथमिक कक्षाओं का दौरा किया, बच्चों से बातचीत की, उनकी कॉपियाँ देखीं और पढ़ाई की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया। प्रो. घोष ने शिक्षकों को सलाह दी कि शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के स्वास्थ्य और स्वच्छता पर भी समान ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि स्वस्थ बच्चा ही अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सकता है। राज्यपाल ने विद्यालय प्रशासन को निर्देश दिए कि अभिभावक-शिक्षक बैठकों (PTM) के माध्यम से माता-पिता को बच्चों के पोषण के बारे में जागरूक किया जाए।
स्वच्छता, जल गुणवत्ता और मिड-डे मील का निरीक्षण
राज्यपाल ने विद्यालय परिसर की स्वच्छता की स्थिति का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने वॉटर कूलर से पानी की गुणवत्ता की जांच की और शौचालयों का भी निरीक्षण किया। इसके बाद वे विद्यालय की लाइब्रेरी, विज्ञान प्रयोगशाला और रसोईघर पहुंचे, जहाँ उन्होंने मध्यान्ह भोजन (Mid-Day Meal) की गुणवत्ता की समीक्षा की। राज्यपाल ने स्वयं हलवा चखा, जबकि उनकी पत्नी मित्रा घोष ने सब्जी और चावल का स्वाद लिया। दोनों ने भोजन की गुणवत्ता से संतुष्टि जताई और कहा कि बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना शिक्षा का ही हिस्सा है।
खेल मैदान की कमी पर जताई चिंता
निरीक्षण के दौरान प्रोफेसर असीम घोष ने कहा कि हरियाणा खेलों के क्षेत्र में पूरे देश में प्रथम स्थान पर है, लेकिन इस विद्यालय में खेल का मैदान न होना चिंता का विषय है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए खेलकूद की सुविधाएँ अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाएँ। राज्यपाल ने कहा कि खेल बच्चों में अनुशासन, टीम भावना और आत्मविश्वास का विकास करते हैं, इसलिए हर विद्यालय में खेल का माहौल बनाना जरूरी है। उन्होंने शिक्षक और विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल परीक्षा पास करना नहीं, बल्कि जिम्मेदार नागरिक बनना है।

















