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निधन के बावजूद Google पर छाया कुख्यात बदमाश Dhaniram Mittal, जानिए क्या थे उसके कारनामें

On: April 25, 2024 10:12 PM
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हरियाणा : हरियाणा में भिवानी का  Dhaniram Mittal किसी परिचय का मोहताज नही है। 152 से ज्यादा मुकदमें दर्ज के बाजवूद उसने फर्जी कागजातों पर छह साल रेलवे में था तथा 41 दिन तक फर्जी जज की नौकरी भी की। इस 41 दिनों में 2712 मुजरिमों का जमानत दे डाली।

 

देशभर में ‘सुपर नटवरलाल’ और चोरों के उस्ताद नाम से मशहूर हरियाणा के रहने वाले धनीराम मित्तल का 85 साल की उम्र में हार्ट अटैक से निधन हो गया। 18 अप्रैल को उसने अंतिम सांस ली। धनीराम को ‘इंडियन चार्ल्स शोभराज’ के नाम से भी जाना जाता था। धनीराम आदतन एक ऐसा चोर था, जिसने अपनी उम्र के अंतिम पड़ाव पर भी वारदातें करनी नहीं छोड़ी।

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गूगल सर्च पर छाया Dhaniram Mittal

लेकिन पिछले दो दिनों से गूगल पर ये नाम लगातार सर्च किया जा रहा है। खबरों में धनीराम मित्तल के कारनामे जो कोई पढ़ रहा है वो हैरान रह जा रहा है। यही कारण है कि Dhaniram Mittal के निधन पर सभी बड़े मीडिया संस्थानों ने इस खबर को पब्लिश किया है।

 

कारनामे ऐसे कि लोग करते है याद: फर्जी जज बनकर 40 दिनों तक कोर्ट की कार्रवाई की थी , जिसपर हरियाणा-दिल्ली सहित चार राज्यों में 150 से ज्यादा चोरी के केस दर्ज थे ।

करीबन 1000 धोखाधड़ी केसों की पैरवी की थी। भिवानी के रहन वाले Dhaniram Mittal की। जिसका 3 दिन पहले 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। इतना ही नहीं 90 से ज्यादा बार वह जेल भी जा चुका था।

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मीडिया ख़बर के मुताबिक उम्र के अंतिम बढ़ाव में भी धनीराम मित्तल ने चोरी करने की वारदातें नहीं छोड़ी, 78 वर्ष की उम्र में कार चोरी के मामले में दिल्ली पुलिस ने धनीराम को गिरफ्तार किया था।

बता दें कि भिवानी जिले का रहने वाले धनीराम मित्तल की गिनती देश के सबसे बुद्धिमान अपराधियों के रूप में होती थी। अपने जमाने का ऐसा हाईटैक अपराधी जो ना केवल फर्जी जज बनकर काफी समय तक असली जज की कुर्सी पर बैठकर फैसले सुनाता रहा, बल्कि उसने कानून में स्नातक की डिग्री लेने के बाद भी अपराध की दुनिया में कदम रखा।

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मुजरिम के बावजूद खुद करता था पैरवी

धनीराम अपने मुकदमों की खुद ही कोर्ट में पैरवी करता था। फिलहाल Dhaniram Mittal एक पुराने केस में चंडीगढ़ की जेल में दो माह की कैद काटकर आया था।

 

फर्जी दस्तावेज के जरिए स्टेशन मास्टर बना Dhaniram Mittal

Dhaniram Mittal इतना शातिर था कि उसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए रेलवे में नौकरी भी हासिल कर ली थी। नौकरी भी कोई छोटी-मोटी नहीं, बल्कि सीधे रेलवे मास्टर की। 6 साल तक वर्ष 1968 से 74 के बीच वह देश के कई अहम रेलवे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर के पद पर काम किया।

 

Sunil Chauhan

मै पिछले दस साल से पत्रकारिता में कार्यरत हूं। जल्दी से जल्दी देश की की ताजा खबरे को आम जनता तक पहुंचाने के साथ समस्याओं को उजाकर करना है।

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