हरियाणा: हिमाचल में बनते थे नकली रेमडेसिविर, कालाबाजारी गिरोह का मास्टर मांइड रेवाडी से काबू

भिवानी: सुनील चौहान। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी मामले में सीआईए भिवानी द्वितीय की टीम ने रेवाड़ी से मास्टर माइंड सत्यनारायण को काबू किया है। उससे भी पुलिस ने 50 हजार रुपये की नकदी बरामद की है। मास्टर माइंड ने पुलिस पूछताछ में कुबूला है कि अब तक वह 200 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन महंगी दरों पर लोगों को बेच चुका है। ये नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन हिमाचल से यहां तक दलालों के जरिये पहुंचे थे। इस मामले में पुलिस मास्टर माइंड सहित चार आरोपियों को काबू कर चुकी है। पुलिस ने सत्यनारायण को मंगलवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

सीआईए द्वितीय इंचार्ज निरीक्षक श्रीभगवान यादव ने बताया कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के तार हिमाचल के बद्दी स्थित एक दवा फैक्टरी से जुड़े हैं, जहां से ये नकली इंजेक्शन पिंजौर होते हुए रेवाड़ी के रास्ते भिवानी तक पहुंचे हैं। पुलिस की पूछताछ में सत्यनारायण ने बताया कि हिमाचल की बद्दी की एक फैक्टरी में ये नकली इंजेक्शन तैयार किए जाते हैं। सत्यनारायण का रेवाड़ी में मेडिकल स्टोर भी है। वह बद्दी की दवा फैक्टरियों से दवाइयों का ऑर्डर भी लाता था और मेडिकल स्टोरों पर दवाइयां उपलब्ध कराता था। इसी के चलते भिवानी के रोहतक गेट स्थित एक निजी अस्पताल के मेडिकल स्टोर संचालक इंद्रजीत के साथ उसकी जान पहचान थी। इंद्रजीत ने 35-35 हजार रुपये में रेमडेसिविर के दो नकली इंजेक्शन गांव सैय निवासी रामकिशन उर्फ मुकेश से खरीदे थे, जबकि रामकिशन को जाटूसाना रेवाड़ी निवासी रिंकू ने इंजेक्शन बेचे थे। रिंकू मास्टर माइंड सत्यनारायण के संपर्क में था। सत्यनारायण का पिंजौर के अमरपाली में फार्मेसी एजेंसी का ऑफिस था, जहां पर हिमाचल के बद्दी की दवा फैक्टरी से दवाइयां ऑर्डर पर आती थीं। यहीं से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शनों को हरियाणा में सप्लाई किया जाता था।

एंटीबायोटिक टेबलेट, ग्लूकोज व नमक के मिश्रण से तैयार किया जाता था नकली इंजेक्शन
सीआईए द्वितीय इंस्पेक्टर श्रीभगवान यादव ने बताया कि सत्यनारायण से पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि एंटीबायोटिक टेबलेट पीसकर ग्लूकोज व नमक के साथ मिश्रण कर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार किया जाता था। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि ये इंजेक्शन ये लोग खुद ही तैयार करते थे या फिर किसी फैक्टरी के अंदर इन्हें तैयार कराया जाता था।
यह था पूरा मामला
भिवानी के रोहतक गेट स्थित एक निजी अस्पताल में सात मई को सीआईए व औषधि नियंत्रक की टीम ने मेडिकल स्टोर संचालक को रेमडेसिविर के दो नकली इंजेक्शनों को 70 हजार रुपये में बिक्री करते हुए पकड़ा था। उसी से मिले सुराग के बाद पुलिस ने रिंकू व रामकिशन उर्फ मुकेश को भी काबू किया। रामकिशन एंबुलेंस चलाता था जबकि रिंकू रेवाड़ी में एक क्लीनिक चलाता था और एक निजी अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ का भी काम करता था। पुलिस ने 15 मई को रेवाड़ी से रिंकू को गिरफ्तार कर 50 हजार रुपये बरामद किए थे। जबकि भिवानी से रामकिशन को पकड़ा था। जिससे 90 हजार रुपये बरामद किए थे। इस खेल के मास्टर माइंड सत्यनारायण को पुलिस ने सोमवार को काबू किया।

रेवाडी व भिवानी में आते थे नकली रेमडेसिवर:
आरोपी सत्यनारायण ही हिमाचल की दवा फैक्टरी से पिंजोर में फार्मेसी एजेंसी के माध्यम से रेवाड़ी व भिवानी में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराता था। अब तक उसने 200 इंजेक्शन बिक्री की बात कुबूली है। अब पुलिस इन इंजेक्शनों को तैयार कराने व करने वालों की तलाश में जुटी है।
श्रीभगवान यादव, इंचार्ज सीआईए द्वितीय भिवानी।

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