डेढ साल से मानदेय के भटक रहे पंचायत प्रतिनिधि

धारूहेडाः एक ओर कोरोना की मार दूसरी ओर करीब डेढ साल से उपमंडल के अधीन आने वाले 52 गांवों के पचं प्रतिनिधि मानदेय के लिए भटक रहे हैं। कोरोना काल के चलते ऐसे में सरपंच में मानदेय नहीं मिलने से परेशानी झेलनी बनी हुई हैं। सबसे अहम बात यह है जिला प्रशासन को बार बार अवगत करवाए जाने के बाजवूद कोई सुनवाई नहीं की जा रही है।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार की ओर से सरंपच व पंचों को प्रत्येक माह मानदेय दिया जाता है। कस्बे की उपमंडल के अधीन आने वाले 52 गांवों के पचं प्रतिनिधियों को करीब 19 माह से मानदेय नहीं मिला है। हर माह संरपच को तीन हजार तथा पंच को एक हजार बतौर मानदेय सरकार की ओर दिया जाता है। मानदेय दिलाने की मांग को लेकर पहले भी पंच प्रतिनिधि जिला प्रशासन का अगवत करवा चके है, लेकिन सुनवाई नहीं की जा रही है।
चंडीगढ से आता है मानदेयः सभी पंच प्रतिनिधियों का मानदेय चंढीगढ स्थित कार्यालय से आता है। इस बावत मे उच्च अधिकारियो का अवगत करवा दिया जाएगा।
विकास कुमार, बीडीपीओ धारूहेडा

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