रेवाड़ी। किसानो को जिसका डर था वही हो रहा है। पिछले साल की तरह इस बार भी खाद की किल्लत गंभीर बनी हुई है। दुकानो पर खाद ही नहीं मिल रहा है। खाद लेने के लिए दिनभर मारामारी रहती है।
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मंहगी खाद खरीदना पडा महंगा: रेवाडी ही नहीं ऐसी ही स्थिति बावल, धारूहेड़ा, कोसली व कुंड में भी बनी हुई है। जिसकी वजह से किसान को फसलों को यूरिया नहीं दे पा रहे हैं। वहीं कुछ प्राइवेट दुकानों पर खाद तो मिल रहा है, लेकिन किसानों को मजबूरन खाद के बैग के साथ महंगी दवाई भी खरीदनी पड़ रही है। इसकी वजह से किसानों को आर्थिक नुक़सान भी झेलना पड़ रहा है।
कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में रबि सीजन में यूरिया खाद के करीब 8 लाख 66 हजार व डीएपी के लगभग 3 लाख 60 हजार बैग आने थे। वहीं अभी तक यूरिया के लगभग 3 लाख व डीएपी के करीब 2 लाख बैग ही आ सके हैं।
जिसकी वजह से जिले की सभी दुकानों पर खाद का पर्याप्त मात्रा में अभाव है। वहीं जिले में लगभग 32 हजार हेक्टेयर में गेहूं व करीब 60 हजार हेक्टेयर में सरसों की बिजाई हुई है।
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किसानों ने बताया कि आम तौर पर हम फसल में खाद डालने के बाद ही सिंचाई करते हैं लेकिन इस बार खाद डालने से पहले ही सिंचाई करनी पड़ रही है। जिसकी वजह से उन्हें फसल में उपज में नुक़सान होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि कुछ खेतों में चिकनी मिट्टी है, जहां खाद डालने के बाद ही सिंचाई की जाती है।