Haryana News: हरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी पेपरलेस रजिस्ट्री योजना एक नवंबर से पूरे प्रदेश में लागू हो गई। इसका मकसद रजिस्ट्री प्रक्रिया को कागज रहित और पारदर्शी बनाना है। लेकिन शुरुआत के पहले ही दिन यह साफ हो गया कि डिजिटल बदलाव की राह इतनी आसान नहीं होगी। कई जिलों में पोर्टल ठप रहा, कहीं सर्वर डाउन हुआ तो कहीं डिजिटल उपकरण ही समय पर नहीं पहुंचे।
कई जिलों में ठप रहा काम
कुरुक्षेत्र में 31 रजिस्ट्री पूरी हुईं जिससे उम्मीद जगी, लेकिन सिरसा, करनाल, पानीपत और चरखी दादरी में एक भी रजिस्ट्री नहीं हो सकी। कई जगह आवेदक नई प्रक्रिया समझने में उलझे रहे और वसीका नवीसों को भी तकनीकी जानकारी की कमी रही। अधिकारियों का मानना है कि शुरुआती अड़चनें स्वाभाविक हैं और सिस्टम को पूरी तरह स्थिर होने में कुछ दिन लगेंगे।
चरखी दादरी और भिवानी में तैयारियां अधूरी
चरखी दादरी और बाढड़ा तहसीलों में एक भी आवेदन नहीं आया। लोगों को नई व्यवस्था की जानकारी नहीं थी। सरल केंद्रों के ऑपरेटर पूरे दिन इंतजार करते रहे। भिवानी में डिजिटल उपकरण न पहुंचने के कारण काम रुक गया। वहीं हिसार में नौ आवेदन पहुंचे, लेकिन सात दस्तावेजों की कमी के चलते रिजेक्ट कर दिए गए।
योजना का उद्देश्य और आगे की तैयारी
इस योजना का उद्देश्य रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल, पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त बनाना है। इससे दस्तावेजों के गुम होने या छेड़छाड़ की संभावना खत्म होगी। अब आवेदक ई-रजिस्ट्री पोर्टल पर लॉगिन करके दस्तावेज अपलोड करेगा और ऑनलाइन शुल्क जमा करेगा। राजस्व विभाग ने सभी जिलों में तकनीकी टीमों और प्रशिक्षण सत्रों की व्यवस्था शुरू कर दी है। उम्मीद है कि 10 नवंबर तक सिस्टम पूरी तरह स्थिर हो जाएगा।

















