धारूहेडा: नहाय खाय से शुरू हुए आस्था के महापर्व छठ पूजा का आज चौथे दिन उगते हुए सूर्य देवता को अर्घ्य देने के साथ ही समापन हो गया। सोमवार चौथा दिन यानी सप्तमी तिथि छठ महापर्व का अंतिम दिन होता है। सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया गया और इसी के साथ छठ महापर्व का समापन हो गया है।Dharuhera: शराब के ठेके पर फायरिंग पर लूट का प्रयास, एक बदमाश दबोचा.. video
मालपुरा में सरपंच प्रतिनिधि एडवोकेट योगेश, धारूहेडा में चेयरमैन कंवर सिंह, कर्ण कुंज में पूर्व सरपंच मजूं तोगड, वार्ड 15 में पार्षद मनोज सैनी व समाजसेवी ज्ञानी यादव छठ कार्यक्रम में शामिल हुए।World Cup 2023: ‘ऑस्ट्रेलियाई पीएम अल्बनीज के आवास पर ईडी का छापा’ जानें महुआ मोइत्रा ने क्यों किया X
छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। इसके बाद दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन को ऊषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है। छठ का पर्व बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। लेकिन आजकल पूर्णाचल के लोग बडी संख्या में धाारूहेडा मे आकर रहने लगे है।
ऐसे मे अब धारूहेडा में धूमधाम से पर्व मनाया जाने लगा है। महिलाओं द्वारा छठ का व्रत संतान की लंबी उम्र और उनके खुशहाल जीवन के लिए रखा जाता है।World Cup 2023: ‘ऑस्ट्रेलियाई पीएम अल्बनीज के आवास पर ईडी का छापा’ जानें महुआ मोइत्रा ने क्यों किया X
धारूहेडा में 15 जगह हुआ कार्यक्रम: छठ पर्व का लेकर कस्बे में 15 जगह कृत्रिम घाट बनाए गए है। सुबह से ही घाटो पर छठ मैया के भजनो से माहोला भक्तिमय बना हुआ है। कार्यक्रम मे स्थानीय लोग भी शामिल हो रहे है।