हरियाणा: बहादुरगढ़ में गुरुवार की सुबह किसान आंदोलन के बीच बड़ा हादसा हो गया। एक बेकाबू डंपर ने आंदोलन स्थल से कुछ ही दूरी पर फुटपाथ पर बैठी 5 महिलाओं को रौंद दिया। इस दर्दनाक हादसे में पंजाब की रहने वाली 3 महिलाओं की मौत हो गई, जबकि 2 बुजुर्ग महिलाएं गंभीर रूप से घायल हुई है। एक की हालत गंभीर होने पर उसे बहादुरगढ़ नागरिक अस्पताल से रोहतक पीजीआई में रैफर किया गया हैं। इस हादसे पर पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दुख जताया है। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब सरकार से पीड़ित परिवारों को मदद देने और घायलों के इलाज की मांग की है।
इनकी हुई मौत: मरने वाली महिलाओं में 60 वर्षीय सिंदर कौर पत्नी भान सिंह, 58 वर्षीय अमरजीत कौर पत्नी हरजीत सिंह, 60 वर्षीय गुरमेल कौर पत्नी भोला सिंह शामिल है, जबकि गंभीर रूप से घायल हुई महिला 60 वर्षीय गुरमेल कौर पत्नी मेहर सिंह है। इसके अलावा हरमीत कौर को भी चोटें आई है। ये सभी मानसा जिले तहसील भीखी के गांव खीवा दयालुवाला सिंह की रहने वाली है। हादसे को अंजाम देने के बाद आरोपी डंपर चालक मौके से फरार हो गया। हादसे के बाद झज्जर एसपी वसीम अकरम ने भी घटना स्थल का दौरा किया है।
बोर्डर के पास हुआ हादसा: हादसे का शिकार हुई इन सभी महिलाओं का टिकरी बॉर्डर से काफी पहले बहादुरगढ़ बाइपास स्थित फ्लाइओवर के नीचे कैंप था, जिसमें यह करीब 20 दिन से ठहरी हुई थी। किसान आंदोलन के रोटेशन के हिसाब से नया जत्था एक दिन पहले ही आंदोलन में शामिल होने के लिए पहुंच चुका है, जिसके चलते आज उन्हें वापस अपने घर लौटना था। सुबह करीब साढ़े 6 बजे पांच महिलाओं का यह जत्था अपने कैंप से कुछ दूर आगे ही बाइपास पर फुटपाथ पर जाकर बैठ गया। महिलाएं ऑटो का इंतजार कर रही थी, चूंकि उन्हें रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद ट्रेन पकड़नी थी।
बैठी महिलाओ को रौंदा: प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तभी झज्जर की तरफ से एक तेज रफ्तार डंपर ने फुटपाथ के बीचो-बीच बैठी इन महिलाओं को रौंद दिया। हादसे में तीन महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद जो तस्वीर सामने आई है, उसे देखकर किसी का भी दिल खोल सकता है, क्योंकि डंपर से बचने के लिए महिलाएं एक ऊपर एक चढ़ गई, लेकिन डंपर उनके ऊपर से गुजर गया। वहीं घायल हुई हरमीत कौर नाम की महिला की नजर सबसे पहले डंपर पर पड़ी, जिसकी वजह से वह बच गई। हालांकि उन्हें चोटें फिर भी लगी है। वहीं गुरमेल कौर पत्नी मेहर सिंह के दोनों पैरों में काफी ज्यादा चोटें है, जिसकी वजह से उन्हें रोहतक पीजीआई रैफर किया गया है। पुलिस ने 3 महिलाओं के शव के पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू कर दी है। उसके बाद उनके शव परिजनों को सौंपे जाएंगे।
रोटेशन के हिसाब आंदोलन स्थल पर पहुंच रहे है किसान
केन्द्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर पिछले 11 माह से किसानों का आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन में बड़ी संख्या में पंजाब के किसान आए हुए है। आंदोलन में महिलाओं की संख्या भी काफी ज्यादा हैं। पंजाब के विभिन्न जिलों के गांव से रोटेशन के हिसाब से किसान आंदोलन में शामिल होने आते है। इन महिलाओं का जत्था भी काफी दिन से यहां ठहरा हुआ था। इससे पहले भी इस आंदोलन के बीच कई लोगों की जान जा चुकी है। कोई घर लौटते वक्त सड़क हादसे का शिकार हुआ तो किसी ने आंदोलन स्थल पर प्राण त्याग दिए। जब से आंदोलन शुरू हुआ है तभी से अलग-अलग जगह 500 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी हैं।