राम रहिम को तीन मामलों में 60 साल की सजा, नपुंसक बनाने का एक और मामला सीबीआई में लंबित

 

हरियाणा: रणजीत सिंह हत्याकांड में भी उम्रकैद की सजा के बाद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम का अब लंबे समय तक जेल में बंद रहना पक्का हो गया है। यदि कानूनी नजरिये व जेल नियमों के हिसाब से देखें तो राज्य सरकार से राम रहीम को रियायत मिल सकती है।

लेकिन किसी भी प्रकार की सजा माफ़ी की रियायत के बाद भी राम रहीम को कम से कम 2046 तक जेल में बंद रहना ही होगा। तब रिहाई होने की सूरत में उसकी उम्र 81 साल की हो चुकी होगी।

अब तक मिल चुकी है 60 साल की सजा
राम रहीम को रणजीत हत्याकांड में 20 साल की उम्रकैद की सजा दी गई है। इससे पहले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में भी डेरा प्रमुख को 20 साल की ही उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

इसके अलावा दो साध्वियों के यौन शोषण मामले में भी उसे 10-10 साल कैद की सजा हो चुकी है, जो फिलहाल चल रही हैं। इस तरह अब तक राम रहीम को कुल 60 साल कैद की सजा हो चुकी है।

इनमें से उम्रकैद की सजाएं एक साथ चलेंगी यानी उसे इनके लिए 40 की जगह 20 साल ही जेल में काटने होंगे। लेकिन साध्वियों के यौन शोषण मामलों में एक सजा खत्म होने पर दूसरी सजा शुरू होगी यानी उसे 20 साल कैद रहना होगा। उम्रकैद की सजाएं अभी चल रही सजाओं की अवधि खत्म होने पर शुरू होगी।

इतनी मिल सकती है सजाओं में छूट

कानूनन राज्य सरकार कैदी को अच्छे चालचलन के आधार पर सजा में छूट दे सकती है
उम्रकैद के मामले में यह छूट अधिकतम 6 साल तक सजा कम करने की हो सकती है
अन्य सजाओं के मामले में ज्यादा से ज्यादा कैद की 25% अवधि कम की जा सकती है
छूट के आधार पर सजा का गणित
इस आधार पर आकलन किया जाए तो अच्छे आचरण के नाम पर राज्य सरकार की रियायत के बावजूद राम रहीम को फिलहाल चल रही साध्वी यौन शोषण की 10-10 साल की सजाओं में 2.5-2.5 साल यानी अधिकतम 5 साल की छूट मिलेगी।

इस हिसाब से 2017 में शुरू हुई ये सजाएं 2038 के बजाय 2032 में खत्म हो सकती हैं । इसके बाद उम्रकैद की सजा शुरू होगी, जिसमें 6 साल की छूट के बावजूद राम रहीम को 14 साल जेल में बिताने पड़ेंगे। इस हिसाब से उसकी रिहाई 2032 से 14 साल बाद यानी 2046 में ही संभव हो पाएगी।

इस तरह मिल सकती है राहत
राम रहीम के 2046 से पहले जेल से बाहर आने के लिए दो ही तरीके हो सकते हैं। इनमें पहला तरीका सजा तय होने वाले मामलों में हाई कोर्ट में अपील कर अवधि कम करा लेना हो सकता है। हाई कोर्ट में राहत नहीं मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा सकती है।

राहत पाने का दूसरा तरीका राष्ट्रपति के पास सजा माफी की अपील करने का है। लेकिन राम रहीम के आरोपों की जघन्यता को देखते हुए इन दोनों ही तरीकों से राहत की उम्मीद कम ही है।

अभी है एक और मामले में सजा मिलने की संभावना
राम रहीम पर अभी अपने ही डेरे के साधुओं को नपुंसक बनाने का एक और मामला सीबीआई की विशेष अदालत में लंबित है। इस मामले में कार्रवाई पर फिलहाल हाईकोर्ट का स्टे चल रहा है। ऐसे में इस मामले की सुनवाई अभी लंबी चल सकती है। तब तक इस मामले में भी सजा की संभावना बनी रहेगी।

बन चुका है सुनारिया जेल का कैदी नंबर 8647
राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में गिरफ्तार करने के बाद 2017 में रोहतक की सुनारिया जेल में रखा गया था। अब भी वह इसी जेल की हाईसिक्योरिटी सेल में बंद है। जेल रजिस्टर में उसकी पहचान कैदी नंबर 8647 के तौर पर है।