सुप्रीम कोर्ट का फरमान: दो हफ्तों में नोएडा के सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावरों को गिराने का आदेश

नई दिल्ली। कभी किसी ने सोचा भी नही होगा कि बिल्डर को लापरवाही इतनी महंगी पडेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा में रियल एस्टेट डेवलपर सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट में 40 मंजिले ट्विन टावर को दो सप्ताह में ढहाना शुरू करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने संबंधित एजेंसियों के साथ बैठक कर ट्विन टावर को ढहाने की योजना बनाने और तारीख तय करने के लिए नोएडा की सीईओ ऋतु माहेश्वरी को 72 घंटे का समय दिया है। कोर्ट ने नोएडा अथारिटी से तीन हफ्ते के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

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सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन टावरों को नियमों के विरुद्ध ठहराते हुए उन्हें ढहाने और उसमें फ्लैट बुक कराने वालों को ब्याज समेत पैसे वापस करने का आदेश दिया था। कोर्ट आजकल आदेश के अनुपालन पर सुनवाई कर रहा है। पिछली सुनवाई पर कोर्ट को बताया गया था कि सुपरटेक ने टावर ढहाने के लिए एडिफिस कंपनी को फाइनल किया है जिसे नोएडा अथारिटी ने संबंधित एजेंसी से मंजूरी मिलने की भी बात कही थी।

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सोमवार को न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और सूर्यकांत की पीठ को नोएडा अथारिटी के वकील ने बताया कि अथारिटी को एडिफिस कंपनी की ओर से मेल आया था कि उसे अभी तक सुपरटेक से पूरा पैसा नहीं मिला है। दूसरे दिन गत रविवार को सुपरटेक की ओर से मेल आया कि सारा बचा पैसा कंपनी को दे दिया गया है लेकिन इसका भुगतान सभी मंजूरी मिलने के अधीन होगा।

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अथारिटी के वकील ने कहा कि आखिर किन मंजूरियों की बात सुपरटेक कर रहा है जबकि सभी एजेंसियों से मंजूरी मिल चुकी है। पीठ ने सुपरटेक के वकील से कहा कि यह हमारा आदेश है ऐसे में सभी अथारिटी मंजूरी देंगी। आप किसकी बात कर रहे हैं। सुपरटेक के वकील ने बताया कि ट्विन टावर से मात्र 16 मीटर की दूरी से गेल की गैस पाइपलाइन गुजरी है। गेल की एनओसी चाहिए है। गेल का कहना है कि गैस पाइप लाइन बंद नहीं की जा सकती। गेल ने इसके लिए बैठक करने की बात कही थी। दो बार बैठक हो चुकी है।

नोएडा प्रशासन के वकील ने कहा कि गेल का 29 जनवरी का पत्र है जिसमें कहा गया है कि इमारतों को ढहाने से बरती जाने वाली सभी जरूरी सतर्कता को लेकर एक बैठक करनी होगी। अथारिटी ने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग सहित सभी संबंधित एजेंसियों से मंजूरी भी मिल चुकी है। तीन हफ्ते बाद फिर मामले में सुनवाई कोर्ट ने सभी को सुनने के बाद आदेश में कहा कि टावर ढहाने के लिए पैसे का चेक जारी किया जा चुका है।

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नोएडा की सीईओ 72 घंटे में सभी एजेंसियों के साथ बैठक करें। इस बैठक में गेल भी शामिल होगा। बैठक में टावर ढहाने की योजना और तारीख तय होगी। कोर्ट ने कहा कि टावर ढहाने की प्रक्रिया दो सप्ताह में शुरू होनी चाहिए। मामले को तीन सप्ताह बाद लगाने का निर्देश देते हुए कोर्ट ने नोएडा अथारिटी से कहा है कि वह सुनवाई से पहले स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी।

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गौरतलब है कि पिछले साल 31 अगस्त 2021 को सुपरटेक एमेराल्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था। कोर्ट ने नोएडा स्थित सुपरटेक एमेराल्ड के 40 मंजिला ट्विन टावर को तीन महीने में गिराने के आदेश दिए थे। इस आदेश में कहा गया था कि अवैध निर्माण से सख्ती से निपटा जाना चाहिए, और कानून का शासन को अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए।

साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया था कि बुकिंग के समय से घर खरीदारों की पूरी राशि 12 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस की जाए, और एमराल्ड कोर्ट परियोजना के आरडब्ल्यूए को ट्विन टावरों के निर्माण के कारण हुए उत्पीड़न के लिए 2 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाए।