Best24News, Haryana: मार्च-अप्रैल महीने से ही इस बार भीषण गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए है। इस मर्मी का सबसे ज्यादा असर किसानो पर पड रहा है। भीषण गर्मी से सरसो व गेंहू की फसले झुलस रही है, ऐसे में घटती पैदावार से किसानो की नींद उडी हुई है।
दरअसल, तापमान बढ़ने की वजह से गेहूं और सरसों की फसल समय से पहले ही पक गए हैं। अब किसानों के भीषण गर्मी की वजह से गेहूं का दाना सिकुड़ने और उत्पादन गिरने का डर किसानों को सता रहा है।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है सामान्य तापमान में गेहूं का दाना बेहतर तरीके से पकता है, लेकिन जैसे ही तापमान में भी इजाफा हो जाता है तो न तो गेहूं अच्छी तरह से पक पाता है और न ही वह बढ़िया तरीके से फूलता है। अधपका होने की स्थिति में इसके दाने सख्त हो जाते हैं और इसका स्वाद भी बेकार हो जाता है।
अब गेंहू की फसल गर्मी के कारण जल्दी पक कर तैयार हो गई इससे दाना कम पकने के कारण उत्पादन में असर पड़ा है। ठीक मौसम में पहले जो एकड़ में 40-50 मन (20-25 किवंटल प्रति एकड़) होता था इस बार केवल 10 मन गेंहू पैदावार मिलेगी।
वहीं एक एकड़ पर खर्चा बहुत ज्यादा हो गया। खाद,बीज,तेल सब कुछ महंगा हो गया है।
एक खाद का कट्टा 25-26 सौ रुपये हो गया है। इस बार प्राइवेट डीलर सरसो को सरकार से अच्छे भाव में खरीद रहे हैं. ऐसे में किसानों का रुख प्राइवेट डीलर्स की तरफ ज्यादा दिख रहा है। लेकिन भीषण गर्मी को लेकर किसान चिंचित बना हुआ है।
बता दें कि हरियाणा मे रेवाडी जिले आसपास के इलाकों में गेहूं के दाने पकने की वजह से समय से पहले ही कटाई शुरू हो गई। किसानों पर इस बार मौसम की दोहरी मार पड़ी है। दिसम्बर और जनवरी में होने वाली बारिश के कारण फसलों को बेहद नुकसान हुआ था। अब भीषण गर्मी ने किसानों के सामने नई मुसीबत खड़ी कर दी है।
किसानों का कहना है कि इस बार गेहूं की फसल के पैदावार पर असर पड़ा है। किसानों की माने तो डीजल, खाद, बीज, मजदूरी सब कुछ मंहगा हो गया है। फसल की लागत भी पूरी नहीं होने की चिंता सता रही है।
















