Haryana News : हरियाणा में गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाली एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर स्थित Private school Dharuhera की शिक्षिका पर अपने ही 12वीं कक्षा के नाबालिग छात्र का यौन शोषण करने का गंभीर आरोप लगा है। Rewari news
शिक्षिका की ये करततू ने न केवल शिक्षा जगत की मर्यादाओं को तार-तार कर दिया बल्कि समाज में शिक्षकों के प्रति व्याप्त सम्मान और विश्वास पर भी गहरा आधात लगा दिया है। बताया जा रहा है शिक्षिका ने पढ़ाई के बहाने छात्र को अपने जाल में फंसाया और कई महीनों तक उसका शारीरिक शोषण करती रही। मामले का खुलासा तब हुआ, जब पीड़ित छात्र के परिजनों ने हिम्मत दिखाते हुए पुलिस अधीक्षक (एसपी) से न्याय की गुहार लगाई। Haryana News
काफी मशक्कत से हुआ मामला दर्ज: बता दे रेवाडी के एसपी के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने आरोपित शिक्षिका के विरुद्ध पॉक्सो एक्ट की संगीन धाराओं में मामला तो दर्ज कर लिया, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बावजूद आरोपित शिक्षिका की गिरफ्तारी न हो पाना पुलिस की कार्यशैली और व्यवस्था की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। हाल ही में आरोपित शिक्षिका द्वारा दायर की गई अग्रिम जमानत याचिका को भी अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अस्वीकार कर दिया है। सवाल यह है पुलिस उसे गिरफ्तार क्यों नही कर रही है।Haryana News

जानिए क्य है मामला: बता दे छात्र के पिता द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह व्यथित करने वाला घटनाक्रम अगस्त 2024 में शुरू हुआ। उनका 16 वर्षीय बेटा Delhi jaipur Highway 48 पर स्थित एक नामी प्राइवेट विद्यालय में 12वीं कक्षा का छात्र था। इसी दौरान विद्यालय में अंग्रेजी विषय पढ़ाने वाली शिक्षिका ने कथित तौर पर छात्र को अपने प्रभाव में लेना शुरू किया।
शुरुआत में यह सब पढ़ाई में मदद करने और अतिरिक्त कक्षाएं देने के बहाने से हुआ। छात्र,अपनी शिक्षिका पर विश्वास करते हुए उसके इरादों को भांप नहीं सका। धीरे-धीरे शिक्षिका ने छात्र से नजदीकी बढ़ाई और उसे बहला-फुसलाकर अपने जाल में फंसा लिया।Haryana News
होटलों में ले जाती थी शिक्षिका: बता दे कि शिक्षिका छात्र को हाईवे पर स्थित विभिन्न होटलों में ले जाने लगी। इन मुलाकातों के दौरान उसने 16 वर्षीय नाबालिग छात्र के साथ शारीरिक संबंध स्थापित किए। यह भी बताया गया है कि होटल में रुकने और अन्य खर्चों का वहन शिक्षिका स्वयं करती थी, ताकि छात्र पर किसी प्रकार का आर्थिक बोझ न आए और वह उसके साथ जाने में संकोच न करे।
यह सिलसिला यहीं नहीं रुका; शिक्षिका ने छात्र को पढ़ाई के बहाने कई बार अपने घर भी बुलाया, जहां उसने छात्र का यौन शोषण जारी रखा। यह भयावह क्रम अगस्त 2024 से लेकर दिसंबर 2024 तक, लगभग पांच महीनों तक निर्बाध रूप से चलता रहा। ।Haryana News

कानूनी लड़ाई की शुरुआत: दिसंबर 2024 के आसपास, जब छात्र के व्यवहार में बदलाव और उसकी गुमसुम रहने की प्रवृत्ति ने परिजनों को पता चला तो इस यावह सच्चाई का खुलासा हुआ। अपने बेटे के साथ हुई इस घिनौनी हरकत का पता चलने पर परिवार पर मानो पहाड़ टूट पड़ा। उन्होंने तत्काल तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) से संपर्क साधा और पूरी घटना की लिखित शिकायत दर्ज कराई। परिवार के लिए यह एक अत्यंत कठिन निर्णय था, जिसमें सामाजिक प्रतिष्ठा और बच्चे के भविष्य की चिंताएं भी शामिल थीं, लेकिन उन्होंने न्याय के लिए लड़ने का संकल्प लिया।
बच्चों की सुरक्षा: यह घटना स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा करती है। यह सवाल उठता है कि क्या विद्यालय प्रबंधन अपने छात्रों को ऐसे संभावित खतरों से बचाने के लिए पर्याप्त कदम उठा रहे हैं? क्या शिक्षकों की पृष्ठभूमि की जांच और उनके व्यवहार की निगरानी के लिए कोई प्रभावी तंत्र मौजूद है?Haryana News
मानसिक स्वास्थ्य और परामर्श: इस प्रकार के आघात से गुजरने वाले बच्चों पर इसका दीर्घकालिक मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ सकता है। उन्हें अवसाद, चिंता, विश्वासघात की भावना और भविष्य में स्वस्थ संबंध बनाने में कठिनाई जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में पीड़ित छात्र के लिए तत्काल और निरंतर मनोवैज्ञानिक परामर्श और सहायता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।
मामला दर्जकर जांच शुरू: हरियाणा के रेवाडी के एसपी के आदेश के बाद पुलिस हरकत में आई और मामले की प्रारंभिक जांच शुरू की गई। जांच के उपरांत, 13 मार्च 2025 को धारूहेड़ा थाना पुलिस ने आरोपित शिक्षिका के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धाराओं के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, 2012 की धारा 6 (गंभीर लैंगिक हमला) और धारा 10 (गंभीर लैंगिक उत्पीड़न के लिए दंड) के तहत मामला दर्ज किया गया।
पॉक्सो एक्ट विशेष रूप से बच्चों को यौन शोषण से बचाने और ऐसे मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया एक कठोर कानून है। इसकी धारा 6 में दोषी पाए जाने पर कठोर कारावास का प्रावधान है, जो दस वर्ष से कम नहीं होगा और आजीवन कारावास तक बढ़ सकता है, साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है। धारा 10 भी इसी प्रकार के गंभीर दंड का प्रावधान करती है।
गिरफ्तारी में देरी पर उठते सवाल: एफआईआर दर्ज हुए तीन महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन आरोपित शिक्षिका की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो पाई है। यह स्थिति पीड़ित परिवार के लिए अत्यंत निराशाजनक है और वे लगातार आरोपित शिक्षिका की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि शिक्षिका अपने रसूख का इस्तेमाल कर गिरफ्तारी से बच रही है।Haryana News
इस बीच, कुछ दिन पहले ही आरोपित शिक्षिका ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) की अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। इस याचिका में उसने स्वयं को निर्दोष बताते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी। हालांकि, मामले की गंभीरता, पीड़ित की नाबालिग उम्र और आरोपों की प्रकृति को देखते हुए अदालत ने शिक्षिका की अग्रिम जमानत याचिका को अस्वीकार कर दिया। अदालत का यह फैसला पीड़ित पक्ष के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है और इससे न्याय मिलने की उनकी उम्मीदें बढ़ी हैं।Haryana News
कानून के अनुसार कार्रवाई: धारूहेड़ा थाना प्रभारी, जगदीश चंद्र ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि यह मामला मार्च महीने में दर्ज किया गया था और पुलिस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने स्वीकार किया कि आरोपित शिक्षिका की गिरफ्तारी अभी नहीं हुई है, लेकिन आश्वासन दिया कि कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, गिरफ्तारी में हो रही यह देरी कई सवाल खड़े करती है। क्या पुलिस पर किसी तरह का दबाव है? या जांच प्रक्रिया में कोई ऐसी बाधा है जिसके कारण गिरफ्तारी संभव नहीं हो पा रही? पॉक्सो जैसे गंभीर मामलों में, जहाँ पीड़ित एक नाबालिग बच्चा हो, त्वरित कार्रवाई और अभियुक्त की गिरफ्तारी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है ताकि सबूतों से छेड़छाड़ न की जा सके और पीड़ित व उसके परिवार को सुरक्षा का एहसास हो।Haryana News
समाज और शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव:यह घटना केवल एक आपराधिक मामला नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज और शिक्षा व्यवस्था की गहराइयों में व्याप्त कुछ गंभीर समस्याओं की ओर भी इशारा करती है।Haryana News
विश्वास का हनन: शिक्षक-छात्र का रिश्ता ज्ञान, सम्मान और विश्वास पर आधारित होता है। शिक्षक को माता-पिता के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण मार्गदर्शक माना जाता है। जब एक शिक्षक ही भक्षक बन जाए, तो यह न केवल उस छात्र के विश्वास को तोड़ता है जिसने उस पर भरोसा किया, बल्कि पूरे समाज में शिक्षकों की भूमिका पर संदेह पैदा करता है।Haryana News

















