Surajkund Fair: हरियाणा पर्यटन निगम की ओर से मेले की तैयारियां तेज गति से चल रही हैं. नए साल में आयोजित होने वाले मेले के लिए मेघालय और उत्तरप्रदेश को थीम स्टेट के रूप में चुना गया है वहीं मिस्र को पहले ही पार्टनर कंट्री घोषित किया जा चुका है. इन राज्यों और देशों की झलक मेले में अलग ही रंग बिखेरेगी और पर्यटकों को नई सांस्कृतिक अनुभूति देगी.
जानिए कब शुरू हुआ मेला: बता दे कि हरियाणा सरकार ने भारतीय कारीगरों और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 1987 में सूरजकुंड मेले की शुरुआत की थी। इसका नाम ‘सूरजकुंड’ यानी सूर्य की झील के आधार पर रखा गया.मेले के नोडल अधिकारी हरविंद्र सिंह यादव के अनुसार इस बार पक्की हट्स बनाई जा रही हैं. पहले की अधिकतर हट्स कच्ची थीं और बारिश होने पर शिल्पकारों का सामान खराब हो जाता था.
समय के साथ यह मेला इतना लोकप्रिय हुआ कि आज यह दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला बन चुका है. इसकी खास बात यह है कि हर साल एक थीम स्टेट और एक पार्टनर कंट्री को शामिल किया जाता है जिससे यह मेला और भी वैश्विक रूप ले चुका है.Surajkund Fair
मेले के नोडल अधिकारी हरविंद्र सिंह यादव के अनुसार इस बार पक्की हट्स बनाई जा रही हैं. पहले की अधिकतर हट्स कच्ची थीं और बारिश होने पर शिल्पकारों का सामान खराब हो जाता था. इस समस्या को दूर करने के लिए अब मजबूत और पक्की हट्स तैयार की जा रही हैं. इससे अधिक से अधिक शिल्पकारों को स्टॉल अलॉट करने में भी सुविधा होगी और वे बिना किसी परेशानी के अपना काम प्रदर्शित कर सकेंगे.
31 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा मेला
आगामी 39वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले के लिए कई नई व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इस बार 127 नई पक्की हट्स बनाई जाएंगी जिससे हट्स की कुल संख्या और बढ़ जाएगी. फिलहाल परिसर में करीब 1200 हट्स मौजूद हैं. नई हट्स बनाने के लिए मेले की जमीन को समतल किया जा रहा है. यह मेला 31 जनवरी से शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगा.

















