Breaking News: उत्तर प्रदेश के पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद सेना के अध्यक्ष (IPS Amitabh Thakur) अमिताभ ठाकुर को औद्योगिक प्लाट की खरीद-बिक्री में जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। मंगलवार रात लखनऊ पुलिस की एसआईटी की सूचना पर शाहजहांपुर जंक्शन स्थित न्यू दिल्ली–लखनऊ एसी सुपरफास्ट ट्रेन से उन्हें उतारकर हिरासत में लिया गया। बता दें यह कार्रवाई लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी संजय शर्मा की शिकायत के आधार पर हुई, जिन्होंने सितंबर 2024 में तालकटोरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस के मुताबिक वे एम-थ्री कोच की सीट संख्या 49 पर यात्रा कर रहे थे। हिरासत के दौरान उन्होंने विरोध जताया, लेकिन उन्हें शांत कर सीतापुर के महोली में लखनऊ क्राइम ब्रांच टीम को सौंप दिया गया। बुधवार सुबह उन्हें देवरिया ले जाकर करीब दो घंटे पूछताछ की गई और बाद में कोर्ट में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।(IPS Amitabh Thakur)
आरोप है कि 1999 में देवरिया में एसपी रहते हुए अमिताभ ठाकुर ने जिला उद्योग केंद्र से प्लाट संख्या बी-2 अपनी पत्नी नूतन के नाम पर आवंटित कराया था। इस दौरान नूतन ठाकुर की जगह ‘नूतन देवी’ नाम, अलग पति का नाम और बिहार का पता दर्शाते हुए कागजात तैयार कराए गए। जांच में सामने आया कि आवेदन पत्र, शपथपत्र, ट्रेजरी चालान सहित कई दस्तावेज कथित रूप से कूटरचित थे, जिनके आधार पर विभागों को गुमराह कर प्लाट का आवंटन हासिल किया गया और आगे चलकर उसकी बिक्री से लाभ कमाया गया।
पत्नी नूतन ठाकुर ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट: एसआईटी ने देवरिया और बिहार में साक्ष्य संग्रहण व गवाहों से पूछताछ के बाद गिरफ्तारी की रूपरेखा तैयार की। रात में अचानक हुई कार्रवाई से उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर चिंता जताई और कहा कि कुछ लोग उनके पति को ट्रेन से उतारकर ले गए हैं। बाद में सुबह पुलिस ने गिरफ्तारी की पुष्टि की। उन्होंने दावा किया कि जिस प्लाट को आधार बनाकर मामला दर्ज किया गया है, उसे वर्ष 2000 में ही सरेंडर किया जा चुका था। इस बीच, अमिताभ ठाकुर और नूतन का एक्स अकाउंट भी सस्पेंड कर दिया गया।Breaking News
पहले ही गिरफ्तार हो चुके है अमिताब: बता दे कि पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर पहले भी कई विवादों में घिर चुके हैं। अगस्त 2021 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह मामले की एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि उन पर उकसाने और साजिश रचने का आरोप लगा था। मार्च 2022 में उन्हें इस केस में जमानत मिली, जबकि इससे पहले मार्च 2021 में उन्हें पुलिस सेवा से अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी। अब आरोप सही पाने के चलते दोबारा से काबू किया है।Breaking News














