Success Story, Best24News, Haryana: हरियाणा के जिला रेवाडी का किसान सुनील एक बार फिर सुर्खियो में आ गया है। किसानों के जैविक उत्पादों की ओर लगातार रुझान बढ़ रहा है। ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की विदेशों में भी मांग बढ़ने लगी है। उनके उत्पादो की मांग दिल्ली, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु व कर्नाटक तक नहीं बल्कि अब विदेश में मॉरिशस में उत्पाद भेजे गए हैं।
गांव बैरमपुर के किसान सुनील यादव उर्फ विक्की यादव ने 20 टन उत्पाद मॉरिशस भेजा है। सुनील ने बताया कि अब दुबई में भी सैंपल भेजा है। पास हुआ तो वहां से भी ऑर्डर मिलने लगेंगे।
सुनील ने बताया कि वर्ष 2009 में परिवार की आठ एकड़ जमीन पर जैविक व प्राकृतिक खेती शुरू की। शुरुआत में उत्पादन भी कम हुआ, जिससे परेशानियां भी रहीं। लेकिन, अब दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरक बने हुए हैं। सुनील ने बताया कि बाजरा, मूंगफली, तिल, मिलट, पीली व भूरी सरसों, गेहूं व चने की फसलों की बिना रसायनों के खेती कर रहे हैं।
किसान ने बताया कई देशो में सेंपल भेजे गए है। मॉरिशस व दुबई में भी सैंपल पास हो गए हैं, जल्द ही उत्पाद भेजे जाएंगे। विभिन्न कृषि मेलों में भी उत्पाद प्रदर्शित करते हैं। प्रगतिशील किसान पुरस्कार भी मिल चुका है।
प्रोत्साहन से आगे बढ़ने की मिली प्रेरणा विक्की यादव ने बताया कि (Haryana News) चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज के प्रोत्साहन और मार्गदर्शन की वजह से उनको उत्साह मिला और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। कुलपति प्रो. काम्बोज छोटे किसानों को आगे बढ़ाने के लिए विशेषतौर पर प्रयासशील रहते हैं।
सुरजकुंड में छाई थी बाजरे की रोटियां
फार्म पर पैदा किए बाजरे की रोटियों ने सूरजकुंड मेले में भी धूम मचाई। सुनील ने बताया कि वे स्वयं ही उत्पाद तैयार करते हैं। विक्की ने बताया कि क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र बावल के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. धर्मबीर यादव से 9 वर्ष पूर्व इस प्रकार की खेती करने के लिए तब संपर्क में आए जब वो करनाल में कार्यरत थे, अब क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र बावल के डॉ. रामेश्वर, कृषि विज्ञान केंद्र बावल, कृषि विज्ञान केंद्र रामपुरा के वैज्ञानिकों व कृषि विभाग के अधिकारियों के संपर्क में रहते हैं तथा उनसे चर्चा करके अपनी खेती को उन्नत करते रहते हैं।
खूब कर रहे किसानो का जागरूक: सुनील यादव ने बताया कि एक वाट्सअप ग्रुप भी बनाया हुआ है। जिसमें वे वाट्सअप के माध्यम से ही अपने उत्पादों को सीधे उपभोक्ता तक पहुंचा रहे हैं। खुद का जैविक उत्पाद ब्रांड भी बनाया हुआ है। अन्य किसानों को भी मार्केट की व्यवस्था प्रदान कराई जा रही है। देश में उनके उत्पादों की मांग दिल्ली, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु व कर्नाटक तक है। विदेश में मॉरिशस में उत्पाद भेजे गए हैं।