रेवाड़ी: सुनील चौहान। किसान लगातार दो माह से खाद के लिए परेशान है। इतना ही नही खाद का संकट जिला में आगे भी बना रहना तय है। अधिकारियों के अनुसार खाद का रैक अब सात नवंबर के आसपास ही आने का अनुमान है। ऐसे में सरसों के बाद अब किसानों को गेहूं की बिजाई के समय भी खाद की कमी के संकट से जूझना होगा।
स्थिति होगी बेहद विकट: खाद को लेकर इस बार आरंभ से ही स्थिति बेहद खराब बनी हुई है। बीते करीब एक माह से किसान खाद के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। जिले में बेहद कम खाद इस बार पहुंची है जबकि यह पूरी तरह से तय है कि कितने खाद की आवश्यकता यहां पर रहती है। खाद का इस्तेमाल सरसों व गेहूं दोनों की ही बिजाई के समय किया जाता है। इस बार जिले में सरसों का रकबा 80 हजार हेक्टेयर के लगभग रहा है।
सरसों का भाव बेहतर होने के चलते किसानों ने सरसों की बिजाई अधिक रकबे में की थी, लेकिन डीएपी नहीं मिलने के कारण उनके अरमानों पर काफी हद तक पानी फिरा है। किसान कम उत्पादन को लेकर आशंकित है। सरसों की तो जैसे-तैसे बिजाई हो गई है, लेकिन अब गेहूं की बिजाई के समय भी यही दिक्कत आने वाली है। सरसों की बिजाई तो अक्टूबर में हो चुकी है तथा नवंबर के शुरुआती सप्ताह से ही गेहूं की बिजाई भी शुरू हो जाती है। किसानों के सामने बड़ी समस्या यह है कि जब खाद ही नहीं है तो वह बिजाई किस तरह से करें।
प्राइवेट दुकानों पर ही टिका दारोमदार: सहकारी समितियों और इफको केंद्र पर खाद तो बीते दस दिन से नहीं मिल रही है। वहीं सात नवंबर तक तो खाद आने वाली भी नहीं है। सात नवंबर को 25 हजार मीट्रिक टन खाद आने की उम्मीद है। हालांकि जो रैक आने वाला है उसमें पूरा कोटा जिला का ही नहीं होना अन्य जिलों को भी उसमें से ही खाद मिलेगी। वहीं प्राइवेट दुकानदारों के पास खाद मिल रही है लेकिन वह भी सीमित ही है जिससे किसानों का कोटा पूरा नहीं हो रहा है।
करीब आठ हजार मीट्रिक टन खाद कम आई: अक्टूबर के महीने में हर साल जिला में करीब 18 हजार मीट्रिक टन खाद पहुंचती रही है, लेकिन इस बार करीब 10 हजार मीट्रिक टन खाद ही पहुंची है। ऐसे में आठ हजार मीट्रिक टन खाद कम पहुंची है जिसके कारण किसानों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ी है।
खाद की खेप शीघ्र ही आने की उम्मीद है। सात नवंबर को खाद का रैक आएगा। जिला को इसमें से खाद का कोटा मिलेगा। हम अपने स्तर पर खाद की आपूर्ति कराने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
-आशीष पंवार, क्षेत्रीय अधिकारी, इफको