Chairman Npa dharuhera: चेयरमैन कंवर सिंह की “कुर्सी” बनी राजनैतिक “अखाडा”

हाईलाईट:
27 दिसंबर को धारूहेेडा में चेयरमैन के चुनाव हुए
31 दिसंबर को परिणाम घोषित, कंवर सिंह हुए निर्वाचित
05 जनवरी को कंवर सिंह​ मार्कशीर्ट को लेकर संदीप बोहरा ने की याचिका दायर
20 फरवरी माह को जिला निवार्चन आयोगय की ओर से कवर सिंह अयोगय करारा
15 मार्च को चुनाव आयोग की ओर से कंवर सिंह की मार्कशीर्ट अवैध करार
28 मार्च को कंवर की ने की हाईकोर्ट में अपील
10 सितंबर को हाईकोर्ट ने कंवर की मार्कशीर्ट वैध करार
16 सितंबर कोर्ट के फैसले के विरोध में सात प्रत्याशी पहुंचे हाईकोर्ट

एक माह बीतने के बावजूद चुनाव विभाग ने ​नही किया नोटिफिकेशन
धारूहेडा: सुनील चौहान। धारूहेडा नपा के चयेरमैन कंवर की कुर्सी राजनैतिक अखाडा बन गया है। अदालत के आदेश के एक माह बीतने के बावजूद अभी तक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। इतना ही अदालत के फैसले के विरोध में सात प्रत्याशियों की ओर से लगाई गई री पिटीशन का भी कोई जबाव अभी तक नहीं आया है। अधर में लटके मामले को लेकर चेयरमैन की कुर्सी राजनैतिक अखाडा बन गई है।

क्या था विवाद: चुनाव आयोग को दी शिकायत में संदीप बोहरा के साथ साथ सात अन्य चेयरमैन उम्मीदवारों ने एफिडेविट देते हुए आरोप लगाए थे कि कंवर सिंह ने जो 10 वीं मार्कशीट दिखाई है वह दी सेंट्रल बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन से दर्शाई गई है तथा 2 जुलाई 1981 में परीक्षा पास की है। उस समय हरियाणा में इस तरह का कोई बोर्ड नहीं था। जिला प्रशासन से 10 वी मार्कसीट जांच होने शपथ नहीं दिलाने की मांग की थी। उपायुक्त की ओर से कागजातों की जांच एसडीएम कोसली को सौंपी थी। जिसमें एसडीएम की ओर से कंवर सिंह की मार्कशीट को हरियाणा बोर्ड के अनुसार वैध नहीं बताते हुए फर्जी करार दिया गया था। जांच रिपोर्ट चुनाव आयोग के पास भेजी गई थी। कंवर सिंह को चुनाव आयोग की ओर से मार्च 21 मे डिसक्वालीफाई कर दिया गया था। इसी के ​कंवर सिंह की ओर से मार्कशीट को लेकर हाईकोट में अपील की थी। 09 सितंबर को हाइेकोर्ट कंवर सिंह की मार्कशीर्ट का वेध करार देते हुए चुनाव रदद करने का आदेश दे दिया था।

12 सितंबर को होने थे चुनाव: चुनाव की सारी तैयारियां हो चुकी थी। 12 सितंबर को चुनाव होना था। हाईकोर्ट की ओर अचानक एकतरफ फैसला देने से चुनाव रद कर दिए गए है। लेकिन चेयरमैन प्रत्याशी इस फैसले के विरोध है। इसी के लिए सात प्रत्याशियों ने एक जुट होकर हाईकोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील की गई है।

अभी तक न तो रीपिटिसन लगी, न ही जारी हुआ नोटिफिकेशन: चेयरमैन की कंवर की कुसी राजनैतिक पेच बनी हुई है। राव इद्रंजीत की शरण लेने के बावजूद कंवर सिंह को चेयरमैन ​के लिए नोटिफिकेशन चुनाव विभाग की ओर जारी नहीं किया गया है, जबकि अदालत के आदेश को एक महीना हो चुका है। वहीं सात चेयरमैन प्रत्याशियो की ओर से दायर की गई री पिटीशन को लेकर भी अभी तक कोई निर्णय नहीं आया है।
राजनैतिक हस्तक्षेप बनी रोडा: सूत्रो के अनुसार कंवर सिंह ने भले ही राव इद्रंजीत की शरण लेकर भाजपा में जाने की आस्था दर्शाइ हो, लेकिन भाजपा पदाधिकारियो की ओर से कवंर की सिंह की स्पोट नहीं की जा रही है। सात प्रत्याशियों की वर्तमान सरकार मेें मजबूत पकड होने के चलते एक बार फिर कंवर की चेयरमैन के नोटिफिकेशन को ठंडे बस्ते में डलवा दिया गया है। नियमों के चलते जब तक चुनाव विभाग की ओर नोटिफिेशन नहीं किया जाएगा, जब तक शपथ समारोह नहीं हो सकता है। नोटिफिकेशन होने के एक माह के दौराना जिला निर्वाचन विभाग की ओर से शपथ दिलाने का प्रावधान होता है।