अदालत के आदेश पर मिला शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार

स्कूल में शिक्षा लेने का अधिकार कैलाश चंद एड्वोकेट ने की केस की निःशुल्क पैरवी
रेवाडी: सुनील चौहान। जिला रेवाड़ी का नामी स्कूल टैगोर पब्लिक स्कूल जिसमें पिछले चार वर्षों पहले नियम 134-ए के तहत शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार प्राप्त हुआ था। छात्र अश्वनी को पहले तो नियम 134 ए के छात्र से स्कूल ने अमान्य मदो में फीस की मांग की अमान्य मदो में फीस जमा न करने पर पहले तो दाखिला देने में परेशान किया ओर पढ़ाई के बीच बीच मे छात्र को परेशान किया जाता रहा था। अब लॉक डाउन में उपरांत जब छात्र कक्षा दसवीं पास करके कक्षा ग्यारहवीं की शिक्षा लेने टैगोर पब्लिक स्कूल में गया तो स्कूल ने अश्वनी को ये कहते हुए स्कूल से बाहर कर दिया था कि नियम 134ए सरकार द्वारा खत्म कर दिया गया है। इसलिए यहां शिक्षा लेनी है तो सम्पूर्ण फीस जमा करवानी होगी। अत्याचार यही तक नही रुका छात्र होनहार है उसने कक्षा दसवीं के बाद अपना भविष्य नॉन मेडिकल विषय मे बनाने का निर्णय लिया परंतु स्कूल ने बच्चे को परेशान करने के मकसद से छात्र को जबरदस्ती आर्ट्स विषय (कला संकाय) मे धकेल दिया। छात्र के स्कूल आने जाने वाले स्कूल वाहन से भी छात्र को वंचित कर दिया, काफी दिन परेशान होने के उपरांत छात्र अपनी समस्या को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश चंद एड्वोकेट के पास पहुचा, जिस पर अधिवक्ता ने पहले तो बच्चे की समस्या को उच्च अधिकारियो के सामने रखा, परन्तु अधिकारियो द्वारा अपने हाथ पर हाथ रखे देख कर बिना किसी देरी के निशुल्क केस लड़ने के लिये आगे आये अधिवक्ता ने जिला न्यायालय रेवाड़ी में वाद दायर कर दिया। न्यायालय हर्लिन कौर की अदालत ने छात्र के भविष्य को मध्यनजर रखते हुए छात्र के हक में फैसला सुनाया ओर अब छात्र को अपना मनपंसद विषय में पढ़ाई सुरु हुई । जिस पर छात्र अश्वनी ने जिला अदालत रेवाड़ी का आभार प्रकट करते हुए अधिवक्ता कैलाश चंद को भी धन्यवाद किया है।