Pollution Alert: दिल्ली की लगातार खराब होती हवा की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाना शुरू कर दिया है। एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) के दिशा-निर्देशों के तहत एक नया एडवाइजरी जारी किया गया है, जिसमें निजी कार्यालयों को केवल 50% कर्मचारियों के साथ ऑन-साइट काम करने और शेष कर्मचारियों को वर्क-फ्रॉम-होम (WFH) की सुविधा देने की आवश्यकता बताई गई है। सरकार का उद्देश्य पीक प्रदूषण अवधि के दौरान हवा की गुणवत्ता को और अधिक बिगड़ने से रोकना है।
नई एडवाइजरी के अनुसार, राजधानी के निजी कार्यालय अब केवल आधे कर्मचारियों के भौतिक उपस्थिति के साथ काम करेंगे। यह कदम प्रदूषण के दबाव को कम करने और शहर की हवा की गुणवत्ता को स्थिर करने के लिए एक सावधानीपूर्ण उपाय है। सरकार ने कहा है कि वर्तमान स्थिति में यह व्यवस्था आवश्यक है। पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने बताया कि GRAP-III की स्थिति में दिल्ली सरकार सभी आवश्यक कदम तुरंत उठा रही है। उनका कहना है कि विशेष ध्यान कमजोर समूहों जैसे बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों की सुरक्षा पर है और अधिकारियों को किसी भी स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
सरकारी कार्यालयों के समय में बदलाव और प्रदूषण नियंत्रण अभियान
सरकार ने ट्रैफिक और भीड़ को कम करने के लिए सरकारी कार्यालयों के समय में भी बदलाव किया है। MCD कार्यालय अब सुबह 8:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक और दिल्ली सरकार कार्यालय सुबह 10:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक खुलेंगे। यह व्यवस्था फरवरी 2026 तक प्रभावी रहेगी, जिससे पीक आवागमन के दौरान ट्रैफिक कम होगा और प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। प्रदूषण नियंत्रण अभियान के तहत अब तक 1,200 से अधिक निर्माण स्थलों और उद्योगों का निरीक्षण किया गया है, जिसमें से 200 को शो-कॉज़ नोटिस जारी किए गए और 55 प्रदूषण फैलाने वाले स्थानों को तुरंत बंद कर दिया गया।
निजी कार्यालयों से एडवाइजरी का पालन और सरकार की प्रतिबद्धता
सरकार ने सभी निजी संस्थानों से अपील की है कि वे इस नए एडवाइजरी को अपनी सभी शाखाओं और टीमों में वितरित करें और इसका पूर्ण पालन सुनिश्चित करें। पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सरकार लगातार प्रदूषण को कम करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमारी प्राथमिकता यह है कि प्रदूषण नियंत्रण उपायों को पूरी तरह लागू किया जाए और दिल्लीवासियों के दैनिक जीवन पर न्यूनतम प्रभाव पड़े।” सरकार का कहना है कि यह सभी प्रयास एक बड़े और गंभीर प्रदूषण नियंत्रण अभियान का हिस्सा हैं, जो पड़ोसी राज्यों को भी मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है।

















