Delhi AQI Today: दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ती जा रही है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि ग्रैप-4 (GRAP-4) लागू होने के बावजूद भी कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा। बुधवार को भी दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार रहा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक PM2.5 और PM10 के स्तर में कोई कमी नहीं आ रही, जिसके कारण आने वाले दिनों में भी हवा में सुधार की उम्मीद कम है। राजधानी में मोहल्लों से लेकर मुख्य सड़कों तक हर जगह धुंध जैसा धुआँ पसरा हुआ है। ऐसे में बाहर निकलना लोगों के लिए और भी खतरनाक बनता जा रहा है। अधिकारी साफ कह रहे हैं कि हवा कम से कम कुछ दिनों तक ऐसे ही प्रदूषित रहने वाली है।
दिल्ली का मौजूदा AQI करीब 388 के आसपास है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी के बेहद करीब माना जाता है। पिछले 24 घंटे में कई इलाकों में AQI 500 तक पहुँच गया, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। रिपोर्ट के अनुसार PM2.5 का स्तर 269 और PM10 का स्तर 353 पहुंच गया है—दोनों ही सुरक्षित सीमा से काफी ऊपर। यह खतरे की घंटी इसलिए भी है क्योंकि राजधानी में इस समय GRAP-4 जैसे सबसे कड़े प्रतिबंध लागू हैं। फिर भी हवा साफ नहीं हो रही। विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की गति बेहद कम होने से प्रदूषण जमीन के नजदीक ही अटका हुआ है, जिससे स्मॉग बनने की स्थिति और बढ़ रही है। ऐसे में डॉक्टर सलाह दे रहे हैं कि बच्चे, बुजुर्ग और सांस की समस्या वाले लोग कम से कम बाहर निकलें और घरों में ही रहें।
उत्तर भारत में सर्दी ने दस्तक दे दी है। दिल्ली में दिन और रात के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। आज अधिकतम तापमान लगभग 26 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री तक रहने की संभावना है। सुबह और शाम के समय धुंध और धुआँ मिलकर घना स्मॉग बना रहे हैं, जिससे दृश्यता भी कम हो रही है। हवा की रफ्तार केवल 5 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा रहने के कारण प्रदूषण ऊपर नहीं उठ पा रहा और वातावरण में ही जमा हो रहा है। शामें पहले से ज्यादा ठंडी और रातें और भी ठिठुरन भरी होंगी। मौसम विभाग ने अगले एक हफ्ते तक बारिश की कोई संभावना नहीं जताई है, जिसका मतलब है कि प्रदूषण से अभी राहत मिलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आती।
प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से GRAP-4 के तहत ऑड-ईवन स्कीम भी लागू की गई है, ताकि सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो सके। हालांकि मौजूदा परिस्थितियों में यह कदम भी फिलहाल राहत देने में नाकाम दिख रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली का पूरा इलाका एक गैस चैंबर जैसी स्थिति का सामना कर रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है। सरकार और डॉक्टरों की सलाह है कि बाहर निकलने पर N95 या अच्छे गुणवत्ता वाला मास्क जरूर पहनें, घरों में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें, और जितना संभव हो सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें। साथ ही लोगों से अपील है कि कूड़ा न जलाएं, गाड़ियों का अनावश्यक उपयोग न करें और प्रदूषण को कम करने में अपनी भूमिका निभाएं। जब तक प्राकृतिक रूप से हवा साफ होने का कोई मौका नहीं बनता, तब तक सतर्क रहना ही सबसे बड़ा बचाव है।

















