Haryana: बिजली निगम ने अब अपने बकायेदार उपभोक्ताओं पर सख्त रुख अपनाया है। जिन उपभोक्ताओं के मीटर हटा दिए गए हैं, लेकिन वे फिर भी बिजली का उपयोग कर रहे हैं, उनके खिलाफ बिजली चोरी का मामला दर्ज किया जाएगा। निगम का यह कदम बिजली बिलों की समय पर वसूली सुनिश्चित करने और बकायेदारों पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से उठाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई न केवल बिजली की हानि को कम करेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को समय पर बिल जमा करने के लिए भी प्रेरित करेगी।
बुचावास कार्यालय के एसडीओ अरुण कुमार ने जानकारी दी कि उपभोक्ताओं को निरंतर और सुचारू बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अपने बिजली बिल समय पर भरना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि निगम उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए ब्याज माफी योजना (Interest Waiver Scheme) और बीपीएल योजना (BPL Scheme) चला रहा है, जिसके तहत बकायेदार उपभोक्ता अस्थायी रूप से बिलों में छूट प्राप्त कर सकते हैं। निगम की इन योजनाओं का लाभ उठाने से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिल रही है, लेकिन यह सुविधा सीमित अवधि के लिए ही उपलब्ध रहेगी।
बीपीएल उपभोक्ताओं के लिए विशेष छूट
एसडीओ अरुण कुमार ने बताया कि बीपीएल उपभोक्ताओं को विशेष लाभ दिया जा रहा है। जिन उपभोक्ताओं की वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है और जिनकी बिजली खपत 150 यूनिट तक है, वे इस योजना के पात्र हैं। उन्हें अस्थायी रूप से बिजली बिलों में छूट दी जा रही है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि योजना की अवधि समाप्त होने के बाद सभी बकायेदार उपभोक्ताओं को पूर्ण बिल का भुगतान करना ही होगा। निगम ने यह भी चेतावनी दी है कि कोई भी उपभोक्ता यदि मीटर हटाए जाने के बाद भी बिजली का उपयोग करता पाया गया, तो उसे बिजली चोरी का दोषी माना जाएगा।
निगम का उद्देश्य: समय पर वसूली और जागरूकता
बिजली निगम का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं में जागरूकता और अनुशासन बढ़ाना है ताकि समय पर बिजली बिलों का भुगतान सुनिश्चित किया जा सके। निगम ने कहा कि समय पर बिल भुगतान से न केवल उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली मिलती है, बल्कि विद्युत आपूर्ति तंत्र भी सुदृढ़ रहता है। साथ ही, बकायेदार उपभोक्ताओं को नियमित रूप से भुगतान करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। निगम ने यह भी स्पष्ट किया कि अब किसी भी उपभोक्ता द्वारा बिजली चोरी की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ऐसी स्थिति में कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इससे बिजली की बर्बादी रुकेगी और ईमानदार उपभोक्ताओं को भी बेहतर सुविधा मिल सकेगी।

















