राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) दिल्ली-गुरुग्राम-शाहजहांपुर-नीमराना-बेवाड़ कॉरिडोर के लिए एक सामान्य सलाहकार नियुक्त करने की तैयारी में है। इसका उद्देश्य दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों के बीच तेज और भरोसेमंद कनेक्टिविटी प्रदान करना है। सामान्य सलाहकार परियोजना प्रबंधन, डिजाइन समीक्षा, गुणवत्ता नियंत्रण और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की निगरानी करेगा।
यह कॉरिडोर दिल्ली-अलवर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) प्रोजेक्ट का हिस्सा है। कुल लंबाई 164 किलोमीटर है और इसमें 22 स्टेशन होंगे। 17 स्टेशन एलिवेटेड और 5 अंडरग्राउंड होंगे। कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होकर मुनिरका, एरोसिटी, गुरुग्राम, रेवाड़ी, सोतानाला होते हुए अलवर तक जाएगा।
दिल्ली-अलवर कॉरिडोर पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत शामिल किया गया है। यह कॉरिडोर प्रमुख शहरों के बीच तेज और कुशल परिवहन संपर्क सुनिश्चित करेगा। इसके चलते क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा और एनसीआर में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
फेज-1 के कार्यान्वयन के लिए तीन कॉरिडोरों दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर को प्राथमिकता दी गई है। यह परियोजना शहरी विकास मंत्रालय और योजना आयोग कार्यबल की सिफारिशों के अनुसार मल्टी-मॉडल ट्रांजिट नेटवर्क का हिस्सा है। एनसीआरटीसी RRTS नेटवर्क के डिजाइन, निर्माण, वित्तपोषण, संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगा।
निर्माण और पूर्व तैयारी
निर्माण-पूर्व कार्य पहले ही शुरू हो चुके हैं। इसमें सड़क चौड़ीकरण, उपयोगिता में बदलाव और मिट्टी व सर्वेक्षण आकलन शामिल हैं। ये कार्य विशेष रूप से गुरुग्राम और आसपास के क्षेत्रों में किए जा रहे हैं ताकि कॉरिडोर का समय पर और सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।

















