Haryana News: हरियाणा सरकार ने अपने ग्रुप-डी कर्मचारियों के हित में दीवाली पर्व पर एक बडी सोगात दी है। अब राज्य में चपरासी-कम-चौकीदार, माली-कम-चौकीदार और माली-कम-स्वीपर जैसे संयोजित पदों को क्रमशः चपरासी और माली के समान दर्जा दिया जाएगा।
यह फैसला हरियाणा ग्रुप-डी कर्मचारी (भर्ती एवं सेवा शर्तें) अधिनियम, 2018 की धारा 23 के अनुरूप लिया गया है, जो अन्य सेवा नियमों पर प्राथमिकता रखता है।Haryana News

इसका अर्थ है कि इन पदों पर कार्यरत कर्मचारी अब समान रूप से चपरासी और माली की श्रेणी में गिने जाएंगे। इस संबंध में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा आधिकारिक आदेश जारी किया गया है।Haryana News
सरकार के इस कदम से उन कर्मचारियों को राहत मिलेगी जिन्हें पदनामों में असमानता के कारण अपने आवंटित विभागों में कार्यभार ग्रहण करने में कठिनाई हो रही थी।
सरकार ने सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को आदेश दिए हैं कि वे इस निर्णय को तुरंत सभी अधिकारियों तक पहुँचाएं और इसका पालन सुनिश्चित करें। यह आदेश ‘अत्यावश्यक’ श्रेणी में जारी किया गया है ताकि नियुक्ति प्रक्रिया में किसी प्रकार की देरी न हो और कर्मचारियों की तैनाती सुचारू रूप से पूरी की जा सके।
माली बनाम माली-कम-चौकीदार और चपरासी बनाम चपरासी-कम-चौकीदार जैसे नामों को लेकर कर्मचारियों में भ्रम की स्थिति बनी हुई थी, जिसे अब दूर कर दिया गया है।
सरकार द्वारा जारी नए निर्देशों के अनुसार सभी प्रभावित ग्रुप-डी कर्मचारी अब अपने संबंधित विभागों में नियमित रूप से कार्यभार ग्रहण कर सकेंगे। उपायुक्त पंचकूला से रिलीव होने की तिथि और पोर्टल पर ज्वाइनिंग रिपोर्ट अपलोड करने की तिथि को उनकी नियुक्ति की प्रभावी तिथि माना जाएगा।

















