Haryana: किसान आंदोलन से भटका किसान, युवती का बलात्कार व आग लगाकर हत्या होेने से पटरी से उतरा आंदोलन

हरियाणा: सुनील चौहान। कृषि बिलों के विरोध में चल रहा किसान आंदोलन धीर धीरे अपने लक्ष्य से भटकने लगा है। कुछ दिन पहले किसानों के टैंटो में एक बंगाली युवती से दुषकर्म व अभी हाल में सरेआम एक किसान को आग लगाने से किसान आंदोलन की छवि धूमिल होती जा रही है। हालांकि बड़े किसान नेता इन लोगों को आंदोलनकारी नहीं मान रहे लेकिन घटनास्थल किसान आंदोलन है तो इसका फैसला करना कठिन है। वहीं अगर ये लोग आंदोलनकारी नहीं हैं तो क्या से मान लिया जाए कि आंदोलन में असामाजिक तत्व शामिल हो चुके हैं। खुद गृहमंत्री अनिल विज ये बात कह चुके हैं।

किसान आंदोलन से शुरुआत के दो महीने तक जहां कोई विवाद नहीं जुड़ा था, वहीं अब साढ़े चार महीने में आंदोलन से लगातार विवाद जुड़ रहे हैं, जिससे सबसे बड़ा नुकसान यह हो रहा है कि सरकार व किसानों में बातचीत का रास्ता पूरी तरह से बंद होता जा रहा है। अब ग्रामीण भी आंदोलनकारियों का विरोध करने लगे हैं। सोनीपत में ग्रामीणों ने महापंचायत कर रास्ते बंद करने का विरोध किया है। ऐसे में किसान नेताओं पर किसान आंदोलन को सफल बनाने के साथ ही इसे विवादों से दूर रखने की दोहरी जिम्मेदारी आ गई है।

किसान आंदोलन के बारे में गलत बोलने पर जिंदा जलाया था:
बहादुरगढ़ के बाईपास पर गांव कसार के निकट आंदोलनकारी किसानों के पड़ाव में गए गांव कसार के एक व्यक्ति मुकेश के शरीर पर तेल उड़ेलकर आग लगा दी गई। गंभीर रूप से झुलसे व्यक्ति की कुछ घंटों बाद उपचार के दौरान मौत हो गई। मामले में गिरफ्तार आरोपी कृष्ण ने कबूल किया है कि मुकेश के किसान आंदोलन के बारे में अनापशनाप बोलने पर उसने ऐसा किया। पुलिस पूछताछ में कृष्ण ने कहा कि मुकेश के गाली गलौज करने पर उसने पास पड़ी पेट्रोल की बोतल उस पर उड़ेल कर आग लगाई थी।

हालांकि परिवार ने इस बात का खंडन किया है। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान के पारिवारिक कारणों से आत्महत्या करने की बात कही है। अब ग्रामीणों ने किसान आंदोलन के नेताओं और पुलिस प्रशासन से गांव के पास बैठे आंदोलनकारियों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने की अपील की है। साथ ही कहा कि किसान आंदोलन की छवि को हो रहे नुकसान को काबू करने के प्रयास में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी और राकेश टिकैत को उनके गांव में नहीं आना चाहिए, इससे गांव का माहौल बिगड़ेगा।
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टीकरी बॉर्डर पर बंगाली युवती से दुष्कर्म:
टीकरी बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन में 30 अप्रैल को पश्चिम बंगाल की आंदोलनकारी 25 वर्षीय युवती की मौत हो गई थी। बाद में मृतका के साथ सामूहिक दुष्कर्म की बात सामने आई। युवती के पिता की शिकायत पर महिला पुलिस थाना बहादुरगढ़ में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपी किसान सोशल आर्मी से जुड़े थे।
मामले में हरियाणा राज्य महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। वहीं बहादुरगढ़ के डीएसपी पवन कुमार के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर दी गई। जांच में सामने आया कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को मामले की जानकारी थी। विवाद बढ़ा तो मोर्चा ने सफाई दी। बाद में पुलिस ने एक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया। तब सामने आया कि न केवल युवती से दुष्कर्म किया गया बल्कि उसका वीडियो भी बनाया गया।

ग्रामीणों का आरोप, कुंडली गांव में हो रहे झगड़े, बिगड़ रहा माहौल
कुंडली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में शामिल किसानों के जांटी रोड को बंद कर रखा है, जिसका विरोध करने पर किसानों ने सेरसा गांव के पूर्व पंच रामनिवास पर हमला कर दिया था। इस हमले के बाद आसपास के ग्रामीण किसानों के खिलाफ एकजुट होने लगे। गांव सेरसा में महापंचायत कर किसानों ने कहा कि उन्हें किसान आंदोलन से कोई शिकायत नहीं है, लेकिन ग्रामीणों पर हमले करना व रास्ता बंद करना गलत है। आंदोलन की आड़ में हिंसा नहीं होनी चाहिए। कुंडली गांव में तो सरेआम झगड़े किए जा रहे हैं। निहंग सिख सीधा हमला कर रहे हैं। रास्ते बंद होने से ग्रामीण अपने गांव व घरों में ही कैद हो गए हैं। यहां से उद्योग पलायन कर रहे हैं। अगर रास्ता नहीं खुला तो वे अपने गांवों के रास्ते बंद कर देंगे।
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किसान नेताओं के हाथ से निकल चुका है आंदोलन
गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसान आंदोलन अब किसान नेताओं के हाथ में नहीं रहा है, अनेक बार टेबल पर बैठकर अधिकारियों के साथ उन्होंने आश्वासन दिए, लेकिन बाद में मुकर गए। पिछले दिनों हिसार में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान जो पथराव हुआ था, उसके बाद प्रशासन के साथ बातचीत में कुछ बड़े नेताओं ने कानून हाथ में नहीं लेने का आश्वासन दिया था। उसके 3 से 4 दिन बाद एक विधायक के साथ मारपीट होती है। झज्जर में भाजपा कार्यालय के शिलान्यास को तोड़ दिया जाता है। कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि यह किसान आंदोलन अब इनके नेताओं के हाथ से निकल चुका है। कुछ ताकतवर लोग इसे अंजाम तक नहीं पहुंचने देना चाहते।

 

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