Haryana : माता-पिता खो चुके विद्यार्थियों से फीस नहीं लेगी आइजीयू

रेवाड़ी : सुनील चौहान। इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों के हित में सराहनीय पहल की है। विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले ऐसे विद्यार्थी, जिनके माता-पिता कोविड संक्रमण या किसी कारणवश दिवंगत हो गए हैं, उनसे किसी प्रकार की फीस नहीं ली जाएगी। यूनिवर्सिटी कोर्ट की आयोजित आनलाइन बैठक में यह प्रस्ताव अनुमोदित किया गया। यूनिवर्सिटी कोर्ट किसी भी विश्वविद्यालय में सबसे उच्चस्तर की काउंसिल होती है, जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं। यूनिवर्सिटी कोर्ट के पारित प्रस्ताव अनुसार विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले जिन विद्यार्थी के माता-पिता का कोविड-19 या किसी अन्य कारण से निधन हो गया है, उनसे फीस नही ली जाएगी। इसके अतिरिक्त अनाथ हुए विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय के विभागों में दाखिले के लिए एक अतिरिक्त सीट आरक्षित करने का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त यूनिवर्सिटी कोर्ट में विद्यार्थियों के जीवन बीमा संबंधी विषय पर भी प्रस्ताव पास किया गया। इसमें विश्वविद्यालय के अधिकारी इस प्रस्ताव पर आगे की रूपरेखा तैयार करेंगे। इन दोनों योजनाओं को विश्वविद्यालय की अगली कार्यकारिणी परिषद की नीति में रखने का निर्णय लिया गया। बैठक में वार्षिक प्रतिवेदन 2019-20 को भी सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया। कुलपति प्रो. एसके गक्खड़ ने विश्वविद्यालय के विकास, उपलब्धियों तथा आने वाले समय में योजनाओं की रूपरेखा रखी। उन्होंने लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम की शुरुआत, नये भवनों के निर्माण संबंधी योजना सहित अन्य कार्यों की जानकारी दी।

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इन विषम परिस्थितियों में भी इस प्रकार का निर्णय लेना प्रशंसा का विषय है। कोरोना काल में परीक्षा सुधार, विज्ञान प्रयोगशालाओं का निर्माण, पुस्तकालय में नई पुस्तकों की खरीद व डिजिटल सुविधाओं की उपलब्धता, कोरोना काल में सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्य, आनलाइन सेमिनार, वर्कशाप आदि का आयोजन उल्लेखनीय हैं। अनाथ विद्यार्थियों के लिए यह पहल काफी लाभकारी साबित होगा।

– प्रो. एसके गक्खड़, कुलपति, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय।

 

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