बारिश में भीगा गेहूं वितरण के लिए डिपो पर भी भेजा, डीसी ने एसडीएम को सौंपी जाच

कोसली: सुनील चौहान। कोसली मंडी में भारी मात्रा मे अनाज बारिश के दौरान भीग गया था। डीसी यशेंद्र सिंह ने इस पर दो दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा तो विभाग की ओर से जबाव देने की बाजाय उसे लाभार्थियों में बंटने के लिए डिपो पर भी भेज दिया गया है। डिपों पर जब सामान बांटा जाने लगा तो पता चला कि गेंहू भीगा हुआ हैं डीसी ने तुरंत एक्शन लेते हुए मामले की जांच एसडीएम रविंद्र यादव को सौंप दी है।
एसडीएम ने मंडी में पहुंचकर भी कट्टों का वजन कराया है, जिसमें कइयों में वजन भी सही नहीं मिला है। वहीं डिपो होल्डरों से भी बयान लिया जा रहे हैं और उनके पास पहुंचे अनाज को जांचा जा रहा है। बता दें कि यदि गेहूं के ट्रक में 300 कट्टे (प्रति कट्टा 50 किग्रा. ) तुलकर गए हैं तो इसका वजन 150 क्विंटल हो गया। भीगने के बाद यह वजन बढ़ जाएगा। यानी वितरण में कम अनाज जाएगा। बचा हुआ अनाज बेचकर खेल किय जा सकता है। हाल ही में डिपो होल्डरों ने आरोप लगाए थे कि उनके पास भेजे जा रहे राशन में प्रति कट्टा 2-3 किलोग्राम अनाज कम आ रहा है। इसके बाद ही जिम्मेदार संदेह के घेरे में आ गए थे।

आना था बिठवाना मंडी का, अनाज कोसली से भेजा?
कुछ लोगों द्वारा आरोप ये भी लगाए जा रहे हैं कि डिपो होल्डरों के पास वितरण के लिए राशन पहुंचाने को लेकर बिठवाना स्थित अनाज मंडी का गेट पास जारी हुआ था। लेकिन अनाज कोसली मंडी से पहुंचाया गया। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। अधिकारी तर्क दे सकते हैं कि दोनों ही जगह खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का अनाज था, मगर भीगने के बाद गेहूं मंगाने की जगह बदलना गोलमाल का संकेत हो सकती है।

जांच कराकर कार्रवाई हो : कैप्टन अजय यादव
पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने कहा कि गेहूं के भीगने और फिर डिपो पर भेजना अपने आप में साजिश नजर आता है। इसमें संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत भी हो सकती है। प्रशासन को जांच कर भ्रष्टाचार का पूरा खेल उजागर करना चाहिए। जनता की कमाई को किस तरह लूटा जा रहा है।

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