Haryana Smart City: इन शहरों की बदलेगी तस्बीर, सोद्रिन्यकरण को लेकर खर्च होगें 525 करोड़

Haryana Smart City: हरियाणा सरकार ने राज्य में स्मार्ट सिटीज़ के निर्माण के लिए एक अहम कदम उठाया है। इसके तहत राज्य के विभिन्न शहरों के विकास को अध्ययन के आधार पर संचालित किया जाएगा। इसके लिए राज्य के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने एक्सीलेंस सेंटर (Excellence Center) स्थापित करने की योजना बनाई है। इस सेंटर का संचालन एक निजी एजेंसी करेगी, जिसमें विशेषज्ञ होंगे और इसका अपना भवन होगा। इस परियोजना पर 525 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
वर्तमान में शहरी विकास की स्थिति
हरियाणा के कई शहरों में अव्यवस्थित विकास हो चुका है, जिसके कारण इन शहरों में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। अवैध कॉलोनियों के कारण कई जगहों पर सीवरेज, पानी और बिजली की आपूर्ति में समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। इसके अलावा, शहरों में बढ़ते प्रदूषण और ट्रैफिक की समस्याएँ भी महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।
इसके बावजूद, एक्सीलेंस सेंटर के माध्यम से सरकार अब इन समस्याओं का हल ढूंढने का प्रयास करेगी और शहरों को एक नया रूप देने के लिए योजनाएं तैयार करेगी।
हरियाणा में स्मार्ट सिटी परियोजना और एक्सीलेंस सेंटर का गठन राज्य के शहरी विकास को एक नई दिशा देगा। यह केंद्र हरियाणा के विभिन्न शहरों के लिए अध्ययन करेगा और शहरों को योजनाबद्ध और स्मार्ट तरीके से विकसित करने के लिए सुझाव देगा। इसके अलावा, राज्य के नगर निकायों की स्थिति में सुधार करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। इस परियोजना से राज्य के नागरिकों को बेहतर जीवन सुविधाएँ मिलेंगी, और हरियाणा देश के सबसे विकसित राज्यों में से एक बन सकता है।
इस प्रयास से न केवल शहरी क्षेत्रों का विकास होगा, बल्कि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा और लोगों के जीवन स्तर में वृद्धि होगी।
विकास के लिए अध्ययन आधारित दृष्टिकोण
हरियाणा के शहरी इलाकों में पिछले एक दशक में 44 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य के बाहरी इलाकों में 89 प्रतिशत लोग शहरों में रहते हैं। इस तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण, कई शहरों में बुनियादी सुविधाओं की कमी महसूस हो रही है। राज्य में सरकारी एजेंसियों की कमी के कारण, कॉलोनाईजर अवैध कॉलोनियाँ बसा रहे हैं, जिसके कारण शहरी क्षेत्रों में बिजली, पानी, सफाई और अन्य सुविधाओं की गंभीर कमी हो रही है।
इस समस्या से निपटने के लिए, सरकार अब हरियाणा के सभी शहरों को योजनाबद्ध तरीके से बसाने का निर्णय लिया है। एक्सीलेंस सेंटर का उद्देश्य शहरों के विभिन्न पहलुओं का गहन अध्ययन करना है और इसके आधार पर इन शहरों को स्मार्ट और व्यवस्थित तरीके से विकसित किया जाएगा।
GIIS मैपिंग और विकास की दिशा
इस केंद्र द्वारा GIIS (Geographical Information System) मैपिंग की जाएगी। इसके माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि किस शहर में कितनी जनसंख्या है और किस दिशा में शहर का विकास किया जा सकता है। इसके अलावा, इस अध्ययन से यह भी जानने की कोशिश की जाएगी कि प्रत्येक शहर की वर्तमान स्थिति क्या है—क्या वहां बिजली, पानी, सड़कों, सीवरेज और प्रदूषण की समस्याएँ हैं, और इन समस्याओं का समाधान कैसे किया जा सकता है।
इस अध्ययन का मुख्य उद्देश्य यह भी होगा कि शहरों में रहने वाले लोग और सरकार किन-किन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, और इन्हें दूर करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
2050 तक जनसंख्या वृद्धि का अनुमान
विभाग का अनुमान है कि 2041 तक हरियाणा के प्रमुख शहरों की जनसंख्या में भारी वृद्धि हो सकती है। उदाहरण के लिए, फरीदाबाद की जनसंख्या 30 लाख तक पहुँच सकती है, जबकि गुरुग्राम की जनसंख्या 40 लाख तक पहुँच सकती है। इन अनुमानों के आधार पर, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन शहरों के विकास के लिए पर्याप्त योजनाएँ तैयार की जाएं।
छोटे और मध्यम शहरों का विकास
हरियाणा में छोटे और मध्यम आकार के शहरों का विकास करना भी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। राज्य के अधिकांश कॉलोनियाँ निजी कंपनियों द्वारा बसाई जा चुकी हैं, लेकिन अब इन कॉलोनियों में सरकारी व्यवस्था की आवश्यकता है। इस केन्द्र का उद्देश्य यह भी होगा कि राज्य के शहरी निकायों की स्थिति में सुधार हो, ताकि लोग बेहतर तरीके से अपनी जीवनशैली जी सकें।
नगर निकायों में सुधार की आवश्यकता
हरियाणा के नगर निकायों की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है ताकि शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बुनियादी सेवाओं का लाभ मिल सके। एक्सीलेंस सेंटर इस दिशा में भी काम करेगा और इन निकायों को सशक्त बनाने के लिए कार्य करेगा।
स्मार्ट सिटीज़ के लाभ
स्मार्ट सिटीज़ का उद्देश्य शहरों को तकनीकी रूप से उन्नत बनाना और वहां रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। इन शहरों में स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन, कूड़ा प्रबंधन, पानी और बिजली की बेहतर आपूर्ति, डिजिटल स्वास्थ्य सेवाएँ, और बेहतर सुरक्षा सुविधाएँ होंगी।
इसके अलावा, हरियाणा सरकार के इस कदम से राज्य में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। स्मार्ट सिटी के निर्माण से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, और यह राज्य के आर्थिक विकास में भी योगदान देगा।