एक साल बाद आंदोलन खत्म, खुला दिल्ली-जयपुर हाईवे, नाचते हुए घर लौट रहे किसान
रेवाड़ी: लंबे समय के बाद किसानो की ओर से हाइ्वे से टैंट हटाने के बाद बोर्डर के आस पास लोगों के साथ वाहन चालको ने राहत की सांस ली है। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर किसान आंदोलन के कारण चली आ रही सभी बाधाएं शुक्रवार को दूर हो गई है। 362 दिन बाद शुक्रवार को हाईवे यातायात के लिए खुल गया। खेड़ा-शाहजहांपुर बार्डर पर शुक्रवार को किसान नेता योगेंद्र यादव पहुंचे तथा आंदोलन में सहयोग करने वालों का आभार जताया। यादव ने कहा कि इस आंदोलन ने किसानों की ताकत का अहसास सरकार को कराया है। यह देश के किसानों की बड़ी जीत है। 13 दिसंबर 2020 को किसानों ने हाईवे पर यातायात बंद कर दिया था। सरकार से सहमति बनने के बाद जयसिंहपुर खेड़ा बार्डर से किसान वापस अपने घरों को लौट गए। हाईवे खुलने से हजारों लोगों को राहत मिली है। हाईवे बाधित होने के कारण लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ रही थीं.
13 दिसंबर 2020 को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर व योगेंद्र यादव के नेतृत्व में राजस्थान की तरफ से किसानों ने हरियाणा की तरफ कूच किया था। शाहजहांपुर बार्डर पर हरियाणा पुलिस ने किसानों को रोक दिया था। यहां पर बेरिकेड लगा दिए गए थे। किसान बार्डर पर राजस्थान की सीमा में धरना देकर बैठे हुए थे। धीरे-धीरे सैकड़ों की संख्या में बार्डर पर टेंट लगा दिए गए थे।
बीते करीब एक साल से चल रहे धरने के कारण हाईवे पर ट्रैफिक बंद था। पिछले कुछ माह से सर्विस लेन से छोटे वाहनों को ही निकाला जा रहा था। दिल्ली-जयपुर हाईवे से हर रोज हजारों की तादाद में भारी वाहन गुजरते हैं। भारी वाहनों को मजबूरी में गांवों में से निकलना पड़ रहा था जिसके चलते आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों का भी जीवन नारकीय हो गया था। भारी वाहनों के दबाव के कारण आसपास के गांवों की सड़कें पूरी तरह से जर्जर हो गई हैं। हाईवे को खुलवाने के लिए आसपास के ग्रामीणों ने कई बार किसान नेताओं से बातचीत भी की थी लेकिन हाईवे को खोलने को लेकर समाधान नहीं हो पाया था। इधर पुलिस ने बैरिकेड हटाए, उधर आंदोलनकारियों ने टेंट
बृहस्पतिवार को धरना खत्म करने की घोषणा के बाद आंदोलनकारी किसानों ने अपने तंबू उखाड़ने शुरू कर दिए थे। शुक्रवार की सुबह पुलिस ने हाईवे से बैरिकेड हटाने शुरू कर दिए गए थे। पुलिस ने आंदोलनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए जो कंटेनर लगाए थे उनको भी हटाया गया। राजस्थान की सीमा में लगाए गए टेंटों को किसानों ने हटाया। दिन भर किसान अपना सामान समेट कर वापस लौटते रहे। हाईवे जैसे-जैसे खाली होता रहा वहां पर यातायात व्यवस्था बहाल हो गई। देर शाम हाईवे पर वाहनों का आवागमन शुरू हो गया।