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Haryana news: रेवाड़ी में ओलावृष्टि और बारिश से किसानों की फसलें बर्बाद, फिर टूटी उम्मीदें

रेवाड़ी में शुक्रवार शाम हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। महज 5 मिनट की ओलावृष्टि और तेज हवा ने सरसों और गेहूं की खड़ी फसलों को बर्बाद कर दिया।

Haryana news: हरियाणा के रेवाड़ी जिले में शुक्रवार शाम अचानक बदले मौसम ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। तेज बारिश और महज पांच मिनट की ओलावृष्टि ने सरसों और गेहूं की तैयार फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया। किसान चाहकर भी अपनी फसल नहीं बचा सके, क्योंकि उनकी मेहनत खुले आसमान के नीचे खड़ी थी। इस आपदा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्राकृतिक आपदाओं के सामने किसान सबसे ज्यादा असहाय हैं।

पांच मिनट में उजड़ गई किसानों की मेहनत

बीते चार-पांच दिनों से मौसम खराब था, जिससे किसानों में चिंता बनी हुई थी। कई किसानों ने जल्दबाजी में सरसों की कटाई शुरू कर दी थी, लेकिन अब तक केवल 5 से 10 प्रतिशत किसानों ने ही फसल काटी थी। बाकी किसान अब भी फसल के पकने का इंतजार कर रहे थे। वहीं, गेहूं की फसल अभी कच्ची थी और खेतों में लहलहा रही थी।

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शुक्रवार को शाम करीब 7:30 बजे अचानक तेज बारिश शुरू हो गई, जिसके साथ ओलावृष्टि भी हुई। खासतौर पर रेवाड़ी के खोल इलाके में बड़े-बड़े ओले गिरे। भले ही ओलावृष्टि सिर्फ पांच मिनट तक चली, लेकिन इतने ही समय में खेतों में खड़ी फसलों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। सरसों की फली टूटकर बिखर गई और गेहूं की बालियां झुक गईं, जिससे पैदावार पर गंभीर असर पड़ेगा।

हर बार खराब मौसम से टूटती हैं किसानों की उम्मीदें

किसानों का कहना है कि यह पहली बार नहीं हुआ है। हर साल जब फसल पकने को तैयार होती है, तब मौसम की मार से उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। कई बार बारिश, आंधी और ओलावृष्टि से उनकी मेहनत बेकार चली जाती है। इस बार भी वही हुआ। किसानों का कहना है कि सरकार अब तक पिछली बर्बादी का मुआवजा नहीं दे पाई है और इस बार फिर से नुकसान हो गया।

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कर्ज में डूबे किसान अब और ज्यादा परेशान

खेती की लागत बढ़ती जा रही है और किसानों को कर्ज लेकर फसल उगानी पड़ रही है। कई किसानों ने खाद, बीज और सिंचाई के लिए बैंक और निजी साहूकारों से ऋण लिया था। उन्हें उम्मीद थी कि इस बार अच्छी पैदावार होगी और वे कर्ज चुका सकेंगे। लेकिन बारिश और ओलावृष्टि के कारण उनकी सारी उम्मीदें चकनाचूर हो गईं। अब वे दोहरी मुसीबत में फंस गए हैं—एक तरफ फसल का नुकसान और दूसरी तरफ कर्ज का बोझ।

सरकार से मुआवजे की मांग

किसानों ने प्रशासन और सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द सर्वे कराकर उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए। सरकार द्वारा फसल बीमा योजना चलाई जा रही है, लेकिन किसानों का कहना है कि इसका लाभ उन्हें समय पर नहीं मिलता। किसानों की मांग है कि प्रभावित इलाकों में विशेष राहत पैकेज दिया जाए, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।

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क्या हो सकता है समाधान?

  1. फसल बीमा योजना का सही क्रियान्वयन – किसानों को उनकी फसल का बीमा समय पर मिलना चाहिए, जिससे वे नुकसान की भरपाई कर सकें।
  2. जल्द मुआवजे की व्यवस्था – सरकार को नुकसान का आकलन कर जल्द से जल्द मुआवजा वितरित करना चाहिए।
  3. मौसम पूर्वानुमान की सटीक जानकारी – किसानों को मौसम की सही जानकारी समय पर मिल सके, इसके लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए।
  4. सिंचाई और सुरक्षा के आधुनिक साधन – ऐसी तकनीकों को बढ़ावा दिया जाए जिससे फसलों को ओलावृष्टि और बारिश से बचाया जा सके।

रेवाड़ी में हुई इस ओलावृष्टि और बारिश ने एक बार फिर किसानों की मेहनत और सपनों को तहस-नहस कर दिया। प्राकृतिक आपदाओं के आगे किसान सबसे ज्यादा कमजोर होते हैं और हर बार उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे इस आपदा से प्रभावित किसानों की जल्द से जल्द मदद करें और उनके नुकसान की भरपाई करें, ताकि वे फिर से खेती में लग सकें और अपनी आजीविका बचा सकें।

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