National Highway 48 पर बनेंगे ट्रक ले बाई व बस स्टॉप, हादसों से मिलेगी राहत

HIGHWAY NO 48
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National Highway 48 , Best24News धारूहेड़ा: दिल्ली जयपुर हाइ्रवे पर सफर करने वाले वाहन (National Highway 48 Dharuhera)चालकों के लिए बडी खुशी की खबर है। एनएचएआई की ओर से हाइवे पर हर तीन तीन किलोमीटर पर ट्रक ले बाई व बस स्टॉप बनाए जाएंगे। इनके बनने पर एक ओर वाहन चालकों को हादसों से राहत मिल सकेगी वही हाइवे पर अवैध पार्किंग के चालान से निजात मिल सकेगी। कापडीवास से जयसिंहपुर बोर्डर करीब तीन करोड़ की लागत से जिले की सीमा में 14 जगह ट्रक ले बाई व बस स्टॅाप बनाए जाने है।National Highway 48 बता दे कि दिल्ली जयपुर हाईवे पर खासतौर से कोहरे के ​चलते हादसे ज्यादा हो जाते है। वाहन चालक वाहनो को खराब होने या फिर आराम करने के लिए सडक पर खडे कर देते है जिसके चलते कोहरे मे दूसरे वाहन इससे टकरा जाते है। National Highway 48 Dharuhera हर साल हादसो की संख्या बढती ही जा रही है। इसी तरह के हादसों से निजात के लिए हाईवे पर हाइवे पर ट्रक ले बाई व बस स्टॉप बनाने जा रह है।National Highway 48
हाइवे पर बनेंगे ट्रक ले बाई व बस स्टॉप, हादसों से मिलेगी राहतहाइवे पर बनेंगे ट्रक ले बाई व बस स्टॉप, हादसों से मिलेगी राहत
हाइवे पर बनेंगे ट्रक ले बाई व बस स्टॉप, हादसों से मिलेगी राहत
जानिए क्या होता है ट्रक ले बाई: हाईवे पर वाहनों के खराब होने पर किसी कारण रोकने के लिए वे अक्सर सर्विस लाईल या फिर हाईवे पर खडा कर देते है ऐसे में दूसरे वाहन टकारा जाते है। हाईवेेे पर त्रिकुना सर्विस रोड बनाया जाएगा जिस रेलिंग तथा बैठने के लिए एक केबिन बनाई जाएगी। कोई भी वाहन चालक इस हाईवे पर बने ट्रक ले बाइ पर अपने वाहन खडा कर सकता है।National Highway 48 गांवों के साथ बनेगे बस स्टॉप: हाईवे पर जिन गांवो में बसोंं के ठहरने के लिए स्टॉप दिए हुए हैं वहां पर जल्दी के चलते वाहन चालक हाईवे पर बसों को रोककर सवारी लेते है तथा सवारी उतारते है जिससे न केवल हादसे का भय बना रहता है   वही हाईवे पर भीड़ भी लग जाती है। ऐसे मे अलग से सर्विस लाईन के साथ बस स्टॉप बनाए जांएगे ताकि जाम से राहत मिल सके ओर यात्री आसानी से वाहन पकड सकेंगे।National Highway 48
हाईवे पर ट्रक ले बाई व बस स्टॅाप बनाने का कार्य जारी है। सुरक्षा के लिए ये दोनों ही जरूरी है। कार्य तेजी से किया जा रहा है ताकि कोहरे आने से पहले पूरा किया जा सके। प्रकाश तिवारी, डिप्टी मैनेजर, एनएचएआई