Old Ashoka Hotal Kund : रेवाडी अशोक होटल के पराठे, नाम सुनते ही मुंह में आ जाता है पानी
रेवाड़ी: रेवाड़ी से नारनौल रोड पर रेवाडी से करीब 20 km दूर कुंड बस स्टैंड पर एक छोटो सा हौटल हैंं नाम है (Old Ashok Hotal Kund- Rewari) अशोका होटल । अशोक के निधन के बाद उनके छोटे भाई राम किशन रेस्टोरेंट चला रहे हैं। होटल की खुबशू ऐसी की दिल्ली एनसीआर के लोग खिचे चले आते है।
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किसी ने ठीक ही कहा है होटल चाहे आपकी किसी गली में हो, अगर जायका है तो लोग खुद ही दोडे चले आते है. जी हां हम बात कर रहे है रेवाडी के कुंड स्टेंउ पर बने अशोका होटल की. इस होटल पर हरियाणा ही दिल्ली एनसीआर के लोग भी दोडे चले आ रहे है.हरियाणा में BPL परिवारों को बड़ा तोहफा, जीते जी नही अब मृत्यु होने पर सरकार देगी मुआवजा, यहां पढे उम्रवाईस स्लैब
जानिए कहां है यह होटल
रेवाड़ी से नारनौल रोड पर रेवाडी से करीब 20 km दूर कुंड बस स्टैंड पर अशोका होटल है. अशोक के निधन के बाद उनके छोटे भाई राम किशन रेस्टोरेंट चला रहे हैं.
छाए अशोक होटल के पराठे
रेवाडी शहर में भगत जी जलेबी वाला, प्रभात बर्फी वाला, भगवान दास लडडू वाले को कोन नहीं जानता है. किसी शहर की जलेबी मशहूर है तो किसी शहर के छोले- भटूरे तो कही की पाव- भाजी और टिक्की मशहूर है. रेवाड़ी शहर में स्थित ओल्ड अशोका होटल अपने परांठों की वजह से सुर्खियां बटोर रहा है.
दिल्ली एनसीआए में पहुंची खुशबू
इस होटल पर देशी घी से बनने वाले परांठों की खुशबू दिल्ली से लोगों को यहां खींच ले आती है. परांठों का स्वाद चखने के लिए यहां हर वक्त लोगों की भीड़ लगी रहती है. आसपास ही नहीं बल्कि दूरदराज क्षेत्रों से भी लोग यहां परांठे खाने पहुंचते हैं.हरियाणा के इस शहर में बनेगा “बहुमंजिला गौ हॉस्पिटल”, सीएम ने किया भूमि पूजन
58 साल पुराना है होटल
अशोका होटल की शुरुआत मनेठी निवासी सुल्तान सिंह यादव ने साल 1972 में की थी. उन्होंने अपने बड़े बेटे अशोक के नाम पर इसकी शुरुआत की. पहले यहां सिर्फ साधारण ढाबा चलाया जाता था, लेकिन साल 1992 के बाद पराठों के लिए लोगों का प्यार देखकर यहां केवल परांठे परोसे जाने लगे.सावधान ! इस दिन हरियाणा में नहीं चलेगी हरियाणा रोडवेज, जानिए क्यों?
इस रेस्टोरेंट में केवल सुबह ही नहीं बल्कि पूरा दिन परांठे चलते हैं। यह होटल स्पेशल परांठों के लिए प्रसिद्ध है. पराठो का जायका ऐसा है कि यहां से गुजरने वाले इस होटल पर जाए बिना रह ही नहीं सकता.
सबसे अलग है स्वाद
लोगों का कहना है कि इन पराठों का स्वाद कुछ अलग ही है। रेवाड़ी ही नहीं बल्कि दिल्ली और राजस्थान के लोग भी यहां परांठे खाने आते हैं। जिन लोगों को इस रास्ते से निकलना होता है तो वे परांठों का स्वाद चखे बिना आगे नहीं बढ़ते है। लोग यहां पराठे तो खाते ही हैं, अपने घर पर रिश्तेदारों के लिए भी लेकर जाते हैं।
कई तरह के पराठ उपलब्ध
यहां पर आलू पराठे, प्याज पराठे, मिक्स वेज पराठा, पनीर पराठा ऐसी ही कई वैरायटी के परांठों का स्वाद आप चख सकते हैं. उन्होंने बताया कि वह घर के बने मसालों का इस्तेमाल करते हैं और ग्राहकों के लिए खुद पराठे तैयार करते हैं.