हरियाणा: विकास के नाम मोटी राशि डकारने वाली पंचायतो पर अब गाज गिरने वाली है। ग्राम पंचायतों में होने वाले भ्रष्टाचार में पंच-सरपंच ही नहीं, बल्कि ग्राम सचिव की भूमिका भी शामिल है। नई पंचायतों के गठन के बाद से विभाग ने अपनी जांच को तेज कर दिया है। ऐसे में पूर्व सरपंचों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं।Weather Update : बारिश के बाद बदला दिल्ली-NCR Haryana का बदला मौसम, IMD ने फिर जारी किया अलर्ट
इनको भेजा रिकवरी नोटिस
विकास एवं पंचायत विभाग की तरफ से जांच में तेजी लानी शुरू कर दी गई है। लाखों रुपए के गबन के आरोपों से घिरे 5 पूर्व सरपंच व पंचों को रिकवरी का नोटिस भी भेजा जा चुका है। जैसे की पूर्व सरपंचो को नोटिस मिला है
रेवाडी मे भारी गोलमाल
रेवाड़ी जिले में 78 ऐसे पूर्व सरपंच है, जिन पर विकास कार्यों में गबन के आरोप लगे है करीब 7 साल में हुई इन गड़बड़ियों की जांच की तलवार अब उन पर लटक गई है। पंचायतों में होने वाले भ्रष्टाचार पर सरकार की सख्ती के बाद अब विभाग की तरफ से भी एक्शन का प्लान तैयार हो गया है।
विकास एवं पंचायत विभाग की तरफ से जांच में तेजी लानी शुरू कर दी गई है। लाखों रुपए के गबन के आरोपों से घिरे 5 पूर्व सरपंच व पंचों को रिकवरी का नोटिस भी भेजा जा चुका है।
बता दें किवहीं दूसरी तरफ नई पंचायतों के गठन के बाद से 26 सरपंचों की शिकायत के बाद जांच की जा रही है, जिसमें 2 सरपंचों की प्रमाण पत्रों की जांच शामिल है।इसके अलावा, चहेतों को ग्राम पंचायतों की जमीनों पर कब्जे कराने, बगैर काम किए ही राशि का गबन करने समेत अन्य आरोप हैं।Haryana News: दीक्षांत समारोह में पंजीकरण अब 21 अप्रैल तक, रविवार को भी खुलेगा IGU
कई शिकायतों में अधिकारियों के नामों का भी जिक्र है, क्योंकि अकेले सरपंच या पंचायत गबन नहीं कर सकती। निमार्ण कार्यों की गुणवत्ता समेत अन्य कार्यों को जांचने की जिम्मेदारी जेई और पंचायती राज अधिकारियों की है। इसलिए ये अधिकारी भी जांच के घेरे में हैं।
गबन के गंभीर आरोप
जिले में अभी तक मिली शिकायतों में पूर्व ग्राम पंचायतों पर आरोप हैं कि उन्होंने गांव में होने वाले विकास कार्यों में किसी ना किसी तरीके से गड़बड़ी की है। निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री का प्रयोग किया और राशि का गबन किया।
अधिकांश शिकायतें गबन की: DDPO
जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी (DDPO) एचपी बंसल ने बताया कि पूर्व सरपंचों व कुछ वर्तमान सरपंचों के खिलाफ ग्रामीणों की शिकायत के बाद जांच की जा रही है। अधिकांश शिकायतें गबन की हैं। इसके अलावा वर्तमान में करीब 3 संरपचों के खिलाफ प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है।