हरियाणा राजस्थान सीमा पर बाघ का आंतक, जानिए सरिस्का से निकला Tiger है कहां ?
हरियाणा: करीब तीन माह पहले सरिस्का से निकला एसटी-2303 बाघ वन विभाग के लिए परेशानी बना हुआ है। लगातार 8 दिन से हरियााणा राजस्थान सीमा पर बाध खेतो मे धूम रहा है। धारूहेडा व कोटकासिम के आस पास गांवो में टाइगर से भय बना हुआ है।CM Flying Raid: रेवाडी में रोडी मिक्सर प्लांट किया सील
ट्रैक किए जाने के बाद चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में बेहोश किए जाने को लेकर कई घंटों तक अभियान चलाया गया था लेकिन बाघ को पकडने में सफलता नहीं मिल रही है।
सोमवार को बाघ की लोकेशन राजस्थान के बूढ़ी बावल में पाए जाने के बाद से ही यह नर बाघ लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है जो पिछले दो दिनों से कही भी दिखाई नहीं देने से अब एक बार फिर दोनों राज्य के लिए बाघ की खतरा मंडाराता ही जा रहा है।
साहबी बैराज के आस पास घूम रहा टाईगर: वन रेंज अधिकारी शंकर सिंह ने बताया की अलवर के सरिस्का जंगल का एक टाइगर एसटी-2303 रास्ता भटक गया है। बीते 7 दिनों सेइस टाइगर की लोकेशन सरिस्का से 125 किमी. दूर हरियाणा के जिला रेवाड़ी के साहबी क्षेत्र के विभिन्न गांवो व राजस्थान के बूढ़ी बावल में मिली है।
कॉलर आईडी न होने से आ रही मुश्किल: रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने बताया कि यह टाइगर महज ढाई साल का है। इसलिए इसके गले में कॉलर आईडी भी नहीं है। कॉलर आईडी लगाने के लिए कम से कम 4 साल की उम्र होनी जरूरी होती है। ऐसे में वन विभाग के अधिकारी फिलहाल इस टाइगर के पदचिह्नों का पीछा करते हुए उसे ट्रैक करने की कोशिश कर रहे हैं।अयोध्या के लिए रेलवे ने चलाई 14 ट्रेन, यहां देखिए रूट मेप
17 जनवरी को एसटी-2303 नर बाघ रात के अंधेरे में चलते-चलते राजस्थान के खुशखेडा मे आ गया था। यहां पर एक किसान पर हमल कर उसे घायल कर दिया था। वाद में वह हरियाणा के रेवाडी रेवाड़ी स्थित साहबी क्षेत्र के जंगल में आ गया। 21 जनवरी को सर्च अभियान के चलते वन विभाग के दो कर्मचारियो पर हमला कर दिया था जिससे हीरा लाल घायल हो गया था उसका कर्मचारी बेहोश हो गया था।
सात दिन रेस्क्यू जारी: टाईगर बार लोकेशन बदल रहा है। इस टाइगर को रेस्क्यू करने के लिए 7 दिन से सरिस्का के अधिकारी जगह-जगह तलाश में लगे हुए हैं ताकि बाघको सुरक्षित सरिस्का वन में ले जाया जा सके।
खेत मे मिली घायल नीलगाय: कस्बे के गांव भटसाणा के पास एक नीलगाय घायल अवस्था मिली। आशंका लगाई जा रही है टाइगर ने ही नील गाय को धायल किया हो। हालाकि घायल नीलगाय का देवकी गोशाला टीम ने गाय का उपयार करने के बाद वन विभाग के अधिकारियों को सोप दिया है।